ईरान-इस्राइल युद्ध में अमेरिका की एंट्री: ट्रंप ने फोर्डो, नतांज और इस्फ़हान परमाणु ठिकानों पर हमलों की पुष्टि की

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज़। मध्य पूर्व में इस्राइल और ईरान के बीच जारी संघर्ष अब और भी गंभीर हो गया है। इस तनावपूर्ण हालात में अब अमेरिका भी खुलकर इस टकराव में कूद पड़ा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पुष्टि की है कि अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों – फोर्डो, नतांज और इस्फ़हान – पर सफलतापूर्वक हवाई हमले किए हैं।
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, “हमने फोर्डो, नतांज और इस्फ़हान परमाणु स्थलों पर अत्यंत सफल हवाई हमले किए हैं। सभी विमान सुरक्षित रूप से लौट आए हैं। फोर्डो को लक्ष्य बनाकर भारी बमबारी की गई। हमारे महान अमेरिकी योद्धाओं को सलाम। अब समय है शांति का।” उन्होंने ऐलान किया है कि वे रात 10 बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगे।
यह हमला अमेरिका द्वारा गुआम स्थित एंडरसन एयरबेस पर बी-2 स्टील्थ बमवर्षक विमानों की तैनाती के बाद किया गया। इन विमानों का मूल ठिकाना हिंद महासागर में स्थित डिएगो गार्सिया एयरबेस माना जा रहा है, जहाँ से अमेरिका पूर्व में इराक पर भी हमले कर चुका है। अनुमान है कि विशेष रूप से फोर्डो जैसे भूमिगत और सुरक्षित परमाणु स्थल को निशाना बनाने के लिए ही इन बंकर बस्टर बमों का उपयोग किया गया है।
इसी बीच, इस्राइल ने घोषणा की है कि वह ईरान के खिलाफ एक “लंबे सैन्य अभियान” के लिए तैयार है और उसके हमले लगातार जारी रहेंगे। इस्राइली हमलों में अब तक ईरान में 430 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 3,500 से ज्यादा घायल हुए हैं। जवाबी कार्रवाई में ईरान ने भी हमला तेज कर दिया है। इस्राइल में संघर्ष की शुरुआत के बाद से अब तक 24 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है।
ईरान ने अमेरिका को इस हमले के लिए चेतावनी दी है। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा, “अगर अमेरिका इस संघर्ष में सक्रिय भूमिका निभाता है, तो इसके नतीजे बेहद खतरनाक होंगे।” ईरान के सरकारी टेलीविजन चैनल ने भी अमेरिका को खुली धमकी दी है कि अब क्षेत्र में मौजूद हर अमेरिकी नागरिक और सैनिक ईरान के निशाने पर है।
यह हमला राष्ट्रपति ट्रंप के लिए भी एक बड़ा राजनीतिक दांव माना जा रहा है, क्योंकि उन्होंने अपने कार्यकाल की शुरुआत में अमेरिका को विदेशी युद्धों से दूर रखने का वादा किया था। लेकिन अब, खुद उनकी नीतियां इस क्षेत्र को एक बड़े युद्ध की ओर ले जाती दिखाई दे रही हैं।
स्थिति लगातार तनावपूर्ण बनी हुई है और अब पूरी दुनिया की निगाहें मध्य पूर्व पर टिकी हैं।


