नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंध पर बवाल, हिंसक प्रदर्शनों में 14 की मौत, सेना तैनात

काठमांडू, जनमुख न्यूज़। नेपाल सरकार द्वारा फेसबुक, व्हाट्सऐप और एक्स (ट्विटर) सहित 26 सोशल मीडिया मंचों पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के विरोध में सोमवार को देशभर में हिंसक प्रदर्शन भड़क उठे। राजधानी काठमांडू समेत कई शहरों में युवाओं के नेतृत्व में हुए इन प्रदर्शनों में अब तक 14 लोगों की मौत और 50 से अधिक के घायल होने की खबर है। हालात बिगड़ने पर सरकार को सेना तैनात करनी पड़ी और कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, काठमांडू में संसद भवन के सामने ‘जेन ज़ी’ के बैनर तले हजारों युवाओं और स्कूली छात्रों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान आंदोलनकारियों ने संसद परिसर में घुसने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज, आंसू गैस और रबर की गोलियों का इस्तेमाल करना पड़ा।
स्थिति को काबू में रखने के लिए प्रशासन ने भुटवल, भैरवाह और पोखरा सहित कई शहरों में कर्फ्यू लागू किया। वहीं, काठमांडू जिला प्रशासन ने संसद भवन, राष्ट्रपति भवन, उपराष्ट्रपति आवास और प्रधानमंत्री कार्यालय के आसपास निषेधाज्ञा लागू कर दी है।
नेपाल सरकार ने चार सितंबर को अनिवार्य पंजीकरण प्रक्रिया का पालन न करने पर 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक कर दिया था। सरकार का कहना है कि यह कदम उन्हें विनियमित करने के लिए उठाया गया है, लेकिन आम जनता का मानना है कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला और सेंसरशिप थोपने की कोशिश है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, हिंसक झड़पों में कई लोग गोली लगने से घायल हुए, जिनमें से कुछ ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। दमक में प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का पुतला फूंका और नगरपालिका कार्यालय पर भी धावा बोला।
भारतीय सुरक्षा बलों ने नेपाल में तनाव को देखते हुए सीमा पर निगरानी कड़ी कर दी है।

