बहराइच रामगोपाल हत्याकांड: मुख्य दोषी सरफराज को फांसी, आठ को आजीवन कारावास, एक को 8 साल की सजा

बहराइच। चर्चित रामगोपाल हत्याकांड मामले में अदालत ने गुरुवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। मुख्य आरोपी सरफराज उर्फ रिंकू को फांसी की सजा दी गई है। इसके अलावा आठ दोषियों को उम्रकैद और एक अन्य आरोपी सैफ अली को 8 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई है। सभी दोषियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
यह घटना 13 अक्टूबर 2024 की है, जब दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान भीड़भाड़ के बीच रामगोपाल की हत्या कर दी गई थी। बुधवार को आए फैसले में अदालत ने सरफराज, उसके पिता अब्दुल हमीद, भाइयों फहीम और तालिब उर्फ सबलू सहित कुल 10 आरोपियों को दोषी ठहराया था।
गुरुवार दोपहर दोषियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। कचहरी में सुबह से ही लोगों की भारी भीड़ लगी रही और सभी की नजरें सजा के फैसले पर टिकी थीं।
हत्याकांड ने पूरे जिले को झकझोर दिया था
यह वही मामला है जिसने 14 महीने पहले दशहरे के दिन पूरे जिले को हिंसा की आग में धकेल दिया था। हालात बिगड़ने पर पीएसी, रैपिड एक्शन फोर्स तैनात की गई थी। डीएम और एसपी खुद हालात संभालने में जुटे रहे। बाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यूपी एटीएस चीफ अमिताभ यश को जिम्मेदारी दी गई, जिसके बाद स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हुई।
परिवार आज भी सदमे में
13 अक्टूबर की याद आते ही रामगोपाल की मां मुन्नी देवी फूट-फूट कर रो पड़ती हैं। बेटे की पत्नी रोली मिश्रा की आंखें न्याय की प्रतीक्षा में सूख चुकी हैं। पिता कैलाश नाथ मिश्र की हालत बेटे की मौत के बाद से बिगड़ी हुई है और वे मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं। बड़े बेटे हरमिलन मिश्र ही अब पूरे परिवार का सहारा बने हुए हैं।

