‘भारत कुमार’ मनोज कुमार का 87 वर्ष की आयु में निधन, हिंदी सिनेमा ने खोया एक देशभक्त सितारा

जनमुख इंटरटेनमेंट न्यूज़। हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता और ‘भारत कुमार’ के नाम से मशहूर मनोज कुमार का 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। उन्होंने मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में अंतिम सांस ली। उन्हें हृदय संबंधी जटिलताओं के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल के मेडिकल सर्टिफिकेट के अनुसार, उनकी मृत्यु का एक अन्य कारण “विघटित यकृत सिरोसिस” भी था।
मनोज कुमार ने शहीद (1965), उपकार (1967), और पूरब और पश्चिम (1970) जैसी कालजयी देशभक्ति फिल्मों के जरिए भारतीय सिनेमा में एक अमिट छाप छोड़ी। उनके देशभक्ति से परिपूर्ण किरदारों ने उन्हें ‘भारत कुमार’ की उपाधि दिलाई। हरियाली और रास्ता, वो कौन थी, हिमालय की गोद में, दो बदन, पत्थर के सनम, नील कमल और क्रांति जैसी फिल्मों से भी उन्होंने दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई।
उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए उन्हें 1992 में पद्म श्री और 2015 में सिनेमा जगत के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनोज कुमार के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर अभिनेता की कुछ पुरानी तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, “मनोज जी के काम ने राष्ट्रीय गौरव की भावना को प्रज्वलित किया और पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।”
हरिकृष्ण गिरी गोस्वामी के नाम से वर्तमान पाकिस्तान में जन्मे मनोज कुमार न केवल अभिनेता थे, बल्कि एक कुशल फिल्म निर्माता भी बने। उन्होंने एक बार कहा था, “मैंने शुरू में निर्देशक बनने का कभी इरादा नहीं किया था, लेकिन शहीद के दौरान अनौपचारिक रूप से निर्देशन किया और फिर उपकार बनाई, जब लाल बहादुर शास्त्री ने ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा दिया।”
अभिनेता अक्षय कुमार, जिन्हें मनोज कुमार ने अपना ‘स्वाभाविक उत्तराधिकारी’ कहा था, ने लिखा, “मैंने उनसे यह सीखते हुए बड़ा हुआ कि हमारे देश के लिए प्यार और गर्व जैसी कोई भावना नहीं है… हमारी बिरादरी की सबसे बड़ी संपत्तियों में से एक को हमने खो दिया। ओम शांति।”
मनोज कुमार का जाना हिंदी सिनेमा और देशभक्ति भावना से जुड़ी फिल्मों के एक युग के अंत जैसा है। उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित करता रहेगा।

