वाराणसी में कोडीन कफ सिरप का बड़ा घोटाला: दो कारोबारी गिरफ्तार, फर्जी लाइसेंस से 7 करोड़ का अवैध व्यापार उजागर

वाराणसी, जनमुख न्यूज़। कफ सिरप की अवैध बिक्री मामले में कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आयीं हैं। कोतवाली पुलिस ने हरी ओम फार्मा के मालिक विशाल कुमार जायसवाल और काल भैरव ट्रेडर्स के बादल आर्य को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, दोनों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ड्रग लाइसेंस हासिल कर कोडीनयुक्त कफ सिरप का बड़े पैमाने पर अवैध व्यापार किया।
डीसीपी काशी जोन गौरव वंशवाल ने बताया कि आरोपी शुभम, देवेश और अमित जायसवाल सहित पूरे नेटवर्क ने फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र बनवाकर ड्रग लाइसेंस लिया था और विभिन्न मेडिकल फर्मों के जरिए कफ सिरप खरीद-बिक्री कर लाखों रुपये का अवैध मुनाफा कमाया।लाखों शीशी कफ सिरप की खरीद-बिक्रीहरी ओम फार्मा ने रांची स्थित शैली ट्रेडर्स से 4,18,000 शीशी कफ सिरप खरीदा, जिसे 5 करोड़ रुपये से अधिक में बेचा गया।काल भैरव ट्रेडर्स ने उसी फर्म से 1,23,000 शीशी खरीदी और 2 करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री की।पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि आरोपियों ने फर्जी ई-वे बिल बनाए थे, जिसकी पुष्टि वाहनों के मालिकों के बयान से हुई है।
जांच में खुली बड़ी साज़िश
पूछताछ में गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि उनकी मुलाकात डीएसए फार्मा (खोजवा) के माध्यम से अमित जायसवाल और शैली ट्रेडर्स के शुभम जायसवाल से हुई थी। इन्हीं लोगों ने कम समय में ज़्यादा कमाई का लालच देकर उन्हें कफ सिरप के अवैध व्यापार में शामिल किया।आरोपियों को हर महीने 30–40 हजार रुपये का कमीशन नकद दिया जाता था।फर्मों के बैंक खातों की पूरी जानकारी देवेश जायसवाल के पास रहती थी, जो पैसे ट्रांसफर के लिए उनसे ओटीपी भी लेता था।एक वर्ष में इन फर्मों के माध्यम से करीब 7 करोड़ रुपये का अवैध व्यापार किया गया।माल फर्मों के नाम पर आता जरूर था, लेकिन सीधे दूसरी जगह भेज दिया जाता था।पुलिस पूरे नेटवर्क की गतिविधियों और वित्तीय लेनदेन की जांच कर रही है। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी और आगे की कानूनी कार्रवाई जल्द की जाएगी।

