ब्रेक्जिट के बाद ब्रिटेन का सबसे बड़ा समझौता: भारत-यूके एफटीए से ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर को आर्थिक क्रांति की उम्मीद

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज़। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने भारत के साथ हुए मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को देश के लिए एक ऐतिहासिक आर्थिक उपलब्धि बताया है। उन्होंने कहा कि यह समझौता यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के बाद ब्रिटेन द्वारा किया गया अब तक का सबसे बड़ा और आर्थिक दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण व्यापार समझौता है।
गुरुवार को लंदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ साझा प्रेस वक्तव्य में स्टार्मर ने कहा कि यह एफटीए ब्रिटिश नागरिकों की जीवन गुणवत्ता में सुधार लाएगा, मजदूर वर्ग की आमदनी बढ़ाएगा और देश के विभिन्न क्षेत्रों को करोड़ों पाउंड का लाभ पहुंचाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे हर साल ब्रिटिश अर्थव्यवस्था को लगभग 4.8 अरब पाउंड और वेतन में 2.2 अरब पाउंड का इजाफा होगा।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि यह समझौता अत्याधुनिक विनिर्माण क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों, स्कॉटलैंड के व्हिस्की उद्योग और लंदन, मैनचेस्टर, लीड्स जैसे शहरों में सेवा क्षेत्र को खासतौर से लाभ देगा। भारत से आयातित कपड़े, जूते और खाद्य उत्पादों की कीमतों में गिरावट आने से उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।
स्टार्मर ने कहा, “यह समझौता सिर्फ व्यापारिक नहीं, बल्कि ब्रिटिश लोगों की जेब में ज्यादा पैसा डालने वाला, नौकरियां बढ़ाने वाला और जीवन स्तर को ऊपर उठाने वाला है। टैरिफ कम होंगे, व्यापार आसान और सस्ता बनेगा।” उन्होंने इस ऐतिहासिक करार को साकार करने में जुटे सभी लोगों का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच साझेदारी सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं है। “हमारे रिश्ते इतिहास, परिवार और संस्कृति के साझा सूत्रों से बंधे हैं। हम इसे और गहरा बनाना चाहते हैं। पिछले वर्ष हमने संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा की थी, और अब हम ‘भारत-यूके विजन 2035’ रणनीति के जरिए इस साझेदारी को रक्षा, जलवायु परिवर्तन, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों तक विस्तार देंगे।”
स्टार्मर ने अंत में कहा कि वैश्विक दौर में ब्रिटेन को अलग खड़े रहने की नहीं, बल्कि साझेदारी के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है, और भारत के साथ यह समझौता इसी दिशा में एक मजबूत कदम है।

