उत्तराखंड में UCC को कैबिनेट की मंजूरी, जानिए लोगों के जीवन पर क्या होगा असर?

देहरादून, जनमुख न्यूज। उत्तराखंड की कैबिनेट ने समान नागरिक संहिता (UCC) की नियमावली को मंजूरी दे दी है। यह प्रदेश के लिए एक ऐतिहासिक फैसला है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की है कि इसे जल्द ही पूरे राज्य में लागू किया जाएगा। यह उत्तराखंड को देश का पहला ऐसा राज्य बनाएगा जो यूसीसी लागू करेगा।
मुख्यमंत्री धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक हुई जिसमें यूसीसी की नियमावली का प्रस्ताव लाया गया। इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से मंजूरी दी गई। सीएम धामी ने बताया कि २०२२ में उन्होंने जनता से वादा किया था कि उत्तराखंड में यूसीसी लागू किया जाएगा। अब सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और इसे जल्द ही लागू किया जाएगा।
समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने से पहले २१ जनवरी को पूरे प्रदेश में मॉक ड्रिल की जाएगी। इस दौरान सरकारी वेब पोर्टल पर विवाह, तलाक, लिव-इन रिलेशन, वसीयत आदि के पंजीकरण का अभ्यास किया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि यूसीसी लागू होने पर कोई तकनीकी समस्या न आए। मॉक ड्रिल के दौरान अधिकारी और कर्मचारी वेब पोर्टल पर लॉगिन करेंगे और सेवाओं की प्रक्रिया को परखेंगे।
उत्त्तराखंड में यूसीसी लागू होने से सभी धर्मों और समुदायों के लिए विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता और संपत्ति के लिए एक ही कानून होगा। शादी और तलाक का पंजीकरण न कराने पर २५,००० जुर्माना लगेगा और सरकारी सुविधाएं नहीं मिलेंगी। महिलाएं तलाक के लिए समान अधिकारों का उपयोग कर सकेंगी। महिलाओं को दोबारा शादी के लिए किसी शर्त का पालन नहीं करना होगा। समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद लिव-इन में रहने वालों के लिए पंजीकरण अनिवार्य होगा। उनके बच्चों को भी जैविक संतान का दर्जा मिलेगा। बेटा और बेटी दोनों को संपत्ति में समान अधिकार होंगे। नाजायज बच्चों को भी जैविक संतान का दर्जा मिलेगा। कोई भी व्यक्ति अपनी संपत्ति किसी को भी वसीयत से दे सकता है।

