CEC ज्ञानेश कुमार का राहुल गांधी को अल्टीमेटम: सात दिन में सबूत दें या देश से माफी मांगें

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज़। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा “वोट चोरी” के आरोपों पर मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने कड़ा रुख अपनाया है। रविवार को अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने राहुल गांधी से कहा कि वे सात दिनों के भीतर शपथ पत्र के साथ अपने आरोपों के सबूत प्रस्तुत करें, अन्यथा राष्ट्र से सार्वजनिक माफी मांगें।
दरअसल, राहुल गांधी ने 7 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग पर भाजपा के पक्ष में मतदाता सूची में गड़बड़ी करने और “वोट चोरी” कराने का आरोप लगाया था। उन्होंने दावा किया था कि कांग्रेस के अध्ययन में केवल बेंगलुरु के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में ही लगभग 1 लाख फर्जी मतदाता मिले हैं।
CEC ने कहा कि ऐसे आरोप लोकतंत्र का अपमान हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि “चुनाव आयोग किसी भी पार्टी का नहीं है। सबूत के बिना ‘वोट चोरी’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर जनता को गुमराह नहीं किया जा सकता।” “महाराष्ट्र में गड़बड़ी के आरोप लगे, लेकिन आज तक वहां के मुख्य चुनाव अधिकारी को एक भी नाम सबूत के साथ नहीं मिला।” “अगर 7 दिनों में हलफनामा नहीं दिया गया तो माना जाएगा कि सभी आरोप बेबुनियाद हैं।”
उन्होंने बताया कि विशेष सारांश पुनरीक्षण (SIR) का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची को शुद्ध करना है। यह प्रक्रिया कानून के तहत अनिवार्य है और सभी राजनीतिक दलों से शिकायतें मिलने के बाद इसे शुरू किया गया है।
CEC ने कहा कि भारत के संविधान के अनुसार केवल भारतीय नागरिक ही वोट देने के पात्र हैं। यदि किसी विदेशी नागरिक का नाम मतदाता सूची में पाया जाता है, तो SIR के दौरान उसकी जांच कर नाम हटाया जाएगा।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मतदाता सूची से जुड़ी हर प्रक्रिया—ड्राफ्ट सूची से लेकर आपत्तियों, अंतिम सूची, मतदान केंद्रवार सूची और पोलिंग एजेंट की निगरानी तक—पूरी तरह विकेंद्रीकृत और पारदर्शी है। ऐसे में बार-बार आरोप दोहराने से वह सच नहीं हो जाते।

