महाकुंभ के आयोजन को लेकर अफवाह फैलाने वाले आस्था का अपमान कर रहे हैं- सीएम योगी

लखनऊ, जनमुख न्यूज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में महाकुंभ पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए एक बार फिर विपक्ष पर हमला बोला और कहा कि महाकुंभ के आयोजन को लेकर अफवाह फैलाने वाले करोड़ों लोगों की आस्था का अपमान कर रहे हैं। अब तक महाकुंभ में ५६ करोड़ से भी ज्यादा लोग स्नान कर चुके हैं। उन्होंने दावा किया कि संगम का जल साफ है और डुबकी लगाने योग्य है। विपक्ष के लोग इसमें मानव मल होने का दुष्प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ का आयोजन किसी सरकार का आयोजन नहीं है। यह सनातन संस्कृति का आयोजन है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सपा के लोग महाकुंभ का पहले दिन से ही विरोध कर रहे हैं। इनकी एक सहयोगी ममता बनर्जी ने महाकुंभ को मृत्युकुंभ कहा है। इसी तरह राजद नेता लालू प्रसाद यादव ने इसे फालतू की बात कहा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था कि महाकुंभ की भगदड़ में हजारों लोगों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि अगर सनातन संस्कृति का पालन करना अपराध है तो हम से अपराध हजार बार करेंगे। उन्होंने सपा पर हमला करते हुए कहा कि संक्रमित व्यक्ति का उपचार हो सकता है संक्रमित सोच का कोई उपचार नहीं है। महाकुंभ महान आयोजन है। महान कार्य को तीन अवस्थाओं से गुजरना पड़ता है। उपहास से, विरोध से और स्वीकृति से। स्वीकृति का इससे अधिक प्रमाण क्या हो सकता है कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष खुद चुपचाप जाकर महाकुंभ में डुबकी लगा आए।
शायरी के अंदाज में अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा- बड़ा हसीन है इनकी ज़ुबान का जादू, जिन्होंने रात में बस्तियों को चुन-चुनकर लूटा, वही बस्तियां बसाने की बात करते हैं।
सीएम योगी ने कहा कि सपा के बारे में कहा जाता है- जिस थाली में खाते हैं, उसी में छेद करते हैं। सपा अध्यक्ष शुरू से महाकुंभ का विरोध कर रहे थे, लेकिन आखिरी में चुपचाप जाकर डुबकी लगा आए। ये बड़ी विडंबनापूर्ण स्थिति है।
महाकुंभ समाज का है, सरकार पीछे है। तमाम दुष्प्रचार किए गए हैं, लेकिन सनातनी आए हैं। ५६ करोड़ लोग आ चुके हैं। भगदड़ में जिनकी जान गई, उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। जो लोग हादसे का शिकार हुए, उनके प्रति भी संवेदना व्यक्त करते हैं। सरकार उनके साथ खड़ी है। लेकिन इसमें राजनीति करना ठीक नहीं है।

