चित्तौरा झील पर CM योगी का एलान: अब नहीं होगा विदेशी आक्रांताओं का महिमामंडन

बहराइच, जनमुख न्यूज़। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को बहराइच के चित्तौरा झील तट पर आयोजित महाराजा सुहेलदेव विजयोत्सव में शिरकत की और इस अवसर पर 1243 करोड़ रुपये की 384 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। कार्यक्रम में उन्होंने पांच बच्चों का अन्नप्राशन कराते हुए उनका नामकरण महाराजा सुहेलदेव के नाम पर किया और जनता को संबोधित किया।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में साफ कहा कि अब देश में कहीं भी किसी विदेशी आक्रांता का महिमामंडन नहीं होगा। उन्होंने कहा कि बहराइच में अब गाजी का नहीं, महाराजा सुहेलदेव का मेला लगेगा, और मंडल में मां पाटेश्वरी का उत्सव मनाया जाएगा।
योगी आदित्यनाथ ने सैयद सालार मसूद गाजी को लेकर कहा कि वह भारत के मठ-मंदिरों को लूटने और संस्कृति को नष्ट करने के इरादे से आया था, लेकिन महाराजा सुहेलदेव ने अपनी कूटनीति और युद्धनीति से उसे पराजित कर जहन्नुम भेज दिया।
सपा, बसपा और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि इन दलों ने सत्ता में रहते हुए महाराजा सुहेलदेव जैसे राष्ट्रनायकों की उपेक्षा की और तुष्टीकरण की नीति के तहत विदेशी आक्रांताओं को महिमामंडित किया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित किया जा रहा है। सरदार पटेल की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा हो या अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, काशी, मथुरा और नैमिषारण्य का सुंदरीकरण – सब भारत की आत्मा को पुनर्स्थापित करने की दिशा में बड़े कदम हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि 10 जून 1034 को विदेशी आक्रांता पर जीत के प्रतीक स्वरूप महाराजा सुहेलदेव की 17 फीट ऊंची और 40 फीट लंबी प्रतिमा की स्थापना की गई है। साथ ही आजमगढ़ विश्वविद्यालय का नाम महाराजा सुहेलदेव के नाम पर रखा गया है। अब उन पर शोध करने वाले विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति भी दी जाएगी।
इस कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर, प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही, पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, सांसद डॉ. आनंद कुमार गोंड, विधायक अनुपमा जायसवाल, सुभाष त्रिपाठी, सुरेश्वर सिंह, राम निवास वर्मा, सरोज सोनकर, एमएलसी पद्मसेन चौधरी, डॉ. प्रज्ञा त्रिपाठी और पूर्व मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा समेत कई जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

