बीएचयू एक्सक्यूटिव काउंसिल में भाजपा नेताओं की नियुक्ति पर भड़के कांग्रेस अध्यक्ष, विश्वविद्यालय के राजनीतिकरण का लगाया आरोप

वाराणसी, जनमुख न्यूज़। बीएचयू (बनारस हिंदू विश्वविद्यालय) की एक्जीक्यूटिव काउंसिल (कार्यकारी परिषद) में भाजपा नेताओं की नियुक्ति पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने नाराजगी जताते हुए कहा कि काउंसिल विश्वविद्यालय का प्रमुख कार्यकारी निकाय है। और इसमें नेताओं की नियुक्ति करके इसका राजनीतिककरण व आरएसएस करण किया जा रहा है।
आज अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि बीएचयू के कार्यकारिणी परिषद की नियुक्ति शैक्षणिक उत्कृष्ट लोगों की जगह पूर्व केंद्रीय मंत्री ,भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष, शहर का मेयर, को कार्यपरिषद में शामिल करना विश्व विख्यात विश्वविद्यालय को राजनीति दखल और आरएसएस का कार्यालय बनाने जैसा हैं। बीएचयू (बनारस हिंदू विश्वविद्यालय) में एक्जीक्यूटिव काउंसिल (कार्यकारी परिषद) विश्वविद्यालय का प्रमुख कार्यकारी निकाय है। और इस परिषद का आरएसएस करण करना निंदनीय है। हमने पिछले वर्ष इस मुद्दे को उठाया था की कार्यकारी परिषद का गठन हो और उसमें शिक्षाविद ,कुलपति,वैज्ञानिक,शिक्षा जगत के महत्वपूर्ण लोगों जिन्हें पद्मशी ,पद्मभूषण या देश के महत्वपूर्ण सम्मान के अलंकृत किया जाता हो उन्हें शामिल किया जाए। परन्तु बीएचयू का आरएसएस करण कर चुकी केंद्र की भाजपा सरकार ने अपने पुराने रवैए को दोहराते हुए फिर से निम्न स्तर का कार्य किया। जब BHU में कुलपति थे तो कार्यपरिषद नहीं था। अब कार्यपरिषद है तो कुलपति नहीं है यह गंभीर विषय है। बीएचयू शोध और अध्ययन का विश्व स्तरीय केंद्र है। ऐसे में भाजपा के जिन तीन नेता जिन्हें कार्य परिषद में शामिल किया गया है क्या वह शिक्षाविद् है? कांग्रेस के समय जब कार्य परिषद की कमेटियां बनती थी तो उसमें शिक्षाविद ,वैज्ञानिक ,भारतीय सम्मान से अलंकृत शिक्षाविद हस्तियां शामिल रहती थीं और आज भाजपा के शासन में जिसे मोदी सरकार का नाम दिया गया है और स्वयं प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र काशी में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कार्य परिषद में भाजपा नेताओं को जगह दिया गया इस प्रकरण की जितनी निंदा की जाए कम है मोदी जी बीएचयू शोध अध्ययन का विश्व स्तरीय केंद्र है इसे आरएसएस का अड्डा मत बनाए।अगर आप अपने संसदीय क्षेत्र में नए किसी विश्वविद्यालय का नींव नहीं रख पा रहे तो जो पहले का बना है बीएचयू जैसी संस्था उसका राजनीति करण मत करिए।मोदी सरकार की नीति में शिक्षा का कोई स्थान है ही नहीं क्योंकि लगातार शिक्षा का कुठाराघात केंद्र की मोदी सरकार पर लगातार प्रश्न खड़ा कर रहा है और महामना की बगिया का लगातार आरएसएस करण किया जा रहा है और स्थिति इतनी भयावह है की आज बीएचयू शिक्षा का नहीं बल्कि भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ चुका है चारों तरफ अव्यवस्था ,भ्रष्टाचार का अंबार है।बीएचयू जैसे देश के प्रतिष्ठित संस्थान में आज इंसाफ और नैतिकता का गला घोंटा जा रहा है।भ्रष्टाचार इस कदर बीएचयू में की टेंडरों की तरह MRI टेंडर में फर्जीवाड़ा हो रहा है । आज मरीजों को न तो दवाएं मिलती हैं और न हीं खाना।ज्यादा दामों पर घटिया उपकरण खरीदकर अपनी जेबें भरने के लिए हर टेंडर से छेड़छाड़ किया जाता है।मतलब अस्पताल का सरकारी अनुदार 150 गुने बढ़ा, लेकिन मरीजों को आज भी अपने जांच और इलाज के लिए पहले से ज्यादा पैसे देने पड़ते हैं। आईसीयू बेड की स्थिति इतनी दयनीय है की मरीज आईसीयू मिलने से पहले ही अपने प्राणों को त्याग दे रहा है।प्रशासनिक गुंडागर्दी और जानलेवा लापरवाही अपने चरम पर है।
चारों तरफ चिकित्सा विभाग से लेकर शिक्षा विभाग तक ट्रामा सेंटर पर बीएचयू को मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार का अड्डा बना डाला है और अब इस संस्था का आरएसएस करण करने पर तुली हुई है।कार्यपरिषद का राजनीतीकरण करना दुर्भाग्यपूर्ण है हम मांग करते है कि तत्काल इस परिषद का राजनीतिकरण बंद हो और योग्य व्यक्तियों को परिषद् का सदस्य बनाया जाए।
पत्रकार वार्ता में जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल ,महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे,फसाहत हुसैन,मनीष मोरोलिया, सतनाम सिंह,वकील अंसारी,अरुण सोनी,प्रमोद वर्मा,रोहित दुबे,अब्दुल हमीद डोडे,विकास कौण्डिल्य, विनीत चौबे,शुभम राय,किशन यादव,विकास पाण्डेय समेत कई लोग उपस्थित रहे।

