भारत का संविधान अब संस्कृत और मैथिली में भी, राष्ट्रपति मुर्मू ने संविधान की पहली प्रति जारी की

नई दिल्ली,जनमुख न्यूज। देश के संविधान के ७५ साल पूरे होने पर पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में मंगलवार को विशेष कार्यक्रम हुआ। इसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला भी मौजूद रहे। आयोजन की थीम हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान रखी गई।संविधान अपनाने की ७५वीं वर्षगांठ पर सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया गया। संस्कृत और मैथिली में संविधान की प्रतियां भी जारी की । २ किताबों ‘भारतीय संविधान का निर्माण: एक झलक’ और ‘भारतीय संविधान का निर्माण और इसकी गौरवशाली यात्रा’ का विमोचन किया गया।आयोजन में पहली बार झ्श् नरेंद्र मोदी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी एक साथ एक ही मंच पर बैठे नजर आए। इनके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू, राज्यसभा के डिप्टी स्पीकर हरिवंश भी थे।संविधान सभा ने २६ नवंबर १९४९ को भारत का संविधान पारित किया था। सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्रालय ने १९ नवंबर २०१५ को एक अधिसूचना में २६ नवंबर को हर साल ‘संविधान दिवस’ के तौर पर मनाने की बात कही थी।

