वाराणसी में 100 करोड़ का कफ सिरप घोटाला उजागर, अंतरराज्यीय गिरोह के 28 कारोबारी बुक—मुख्य आरोपी विदेश फरार

वाराणसी, जनमुख। उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की बड़ी कार्रवाई में वाराणसी में कोडीन युक्त प्रतिबंधित कफ सिरप के अवैध व्यापार का विशाल नेटवर्क उजागर हुआ है। शनिवार को विभाग ने अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए सरगना शुभम जायसवाल, उसके पिता भोला जायसवाल सहित शहर के 28 दवा कारोबारियों के खिलाफ कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज कराया।
आरोप है कि इस गिरोह ने करीब 100 करोड़ मूल्य की 89 लाख शीशी कोडीन युक्त कफ सिरप की अवैध खरीद–फरोख्त की। जांच में पता चला कि काशी के 93 मेडिकल स्टोर्स के नाम से 84 लाख शीशी की खरीद-बिक्री दिखाई गई, लेकिन इनमें से ज्यादा दुकानें मौके पर अस्तित्व में ही नहीं मिलीं। इससे बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।
केस के अनुसार, यह अवैध कारोबार मेसर्स शैली ट्रेडर्स, रांची के नाम से चलाया गया, जो फर्जी पते और दस्तावेज़ों से विभिन्न राज्यों में सक्रिय थी। शैली ट्रेडर्स के प्रोपराइटर भोला जायसवाल के बेटे शुभम जायसवाल के खिलाफ पहले गाजियाबाद में मामला दर्ज हुआ था। शुभम अब विदेश भाग चुका है, और पुलिस उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस की तैयारी कर रही है।
आयुक्त रोशन जैकब के निर्देश पर 12 से 14 नवंबर तक वाराणसी में विशेष अभियान चलाया गया। सहायक आयुक्त (औषधि) अखिलेश कुमार जैन, निरीक्षक सीमा सिंह, वैभव बब्बर और पूर्वी यूपी की टीम ने दर्जनों फर्मों की जांच की।
जांच में पता चला कि शुभम जायसवाल एक ही समय में मेसर्स शैली ट्रेडर्स रांची और मेसर्स न्यू वृद्धि फार्मा वाराणसी दोनों में कार्यरत दिखाया गया था, जो लाइसेंसिंग के गंभीर नियमों का उल्लंघन है। कई स्थानीय दवा कारोबारी इस नेटवर्क से जुड़े पाए गए।
जांच में नौ बंद फर्मों को भी प्रतिबंधित कफ सिरप की सप्लाई दिखी, जिनमें शामिल हैं—
सृष्टि फार्मा, जीटी इंटरप्राइजेज, शिवम फार्मा, हर्ष फार्मा, डीएसए फार्मा, महाकाल मेडिकल स्टोर, निशांत फार्मा, वीपीएम मेडिकल एजेंसी और श्री बालाजी मेडिकल। जीडी इंटरप्राइजेज ने 2.14 लाख शीशी खरीदी पर बिक्री का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला।
न्यू पीएल फार्मा ने 2.16 लाख शीशी खरीदी और सारा स्टॉक श्री बालाजी मेडिकल को बेचने का दावा किया।
परंतु बालाजी मेडिकल के मालिक ने बताया कि वह सराफा दुकान में काम करते हैं और मेडिकल व्यवसाय से उनका कोई संबंध नहीं है। इससे स्पष्ट है कि फर्जी बिलों के जरिए भारी स्तर पर नशे में प्रयुक्त होने वाले कफ सिरप की अवैध सप्लाई की गई।
जांच में जिन 28 स्थानीय कारोबारियों पर कार्रवाई हुई, उनमें चौक, सप्तसागर, मैदागिन, लंका, जैतपुरा, पांडेयपुर, महमूरगंज, आदमपुर, कैंट आदि इलाकों के व्यापारी शामिल हैं। इन पर फर्जी बिलिंग, गलत दस्तावेज़ और प्रतिबंधित सिरप की काला बाज़ारी के आरोप हैं।

