लोगों के विरोध के चलते बैकफुट पर प्रशासन, 27 नहीं अब 26 फरवरी को ही निकलेगी शिव बारात

वाराणसी, जनमुख न्यूज़। हर वर्ष महाशिवरात्रि पर निकलने वाली शिव बारात इस वर्ष भी पूर्व की तरह ही निकलेगी। पहले प्रशासन के अनुरोध पर 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ की संभावना के मद्देनजर आयोजन समिति ने शिव बारात 27 फरवरी को निकालने का फैसला किया था। जिसका काशी के आम लोगों के साथ राजनीति दलों और सामाजिक लोगों ने विरोध किया था। और इसे काशी की परंपराओं से खिलवाड़ बताया था। खास कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे पर काफी आक्रामक विरोध दर्ज कराया था। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने एक बयान जारी कर कहा था कि काशी की पहचान यहां की संस्कृति ,आस्था ,पुरातन संस्कृति ,अध्यात्म से है और यहां की परंपरा विश्व पटल पर महत्व रखती है और उसी परंपरा को लगातार भाजपा सरकार खत्म कर रही है।महाशिवरात्रि के बाद बारात यह बड़ा प्रश्न है शादी के बाद बारात निकालना यह तो पूर्ण रूप से वैवाहिक परंपरा रीति रिवाज के साथ खिलवाड़़ है।

लोगों के विरोध के बाद बैकफुट पर आई सरकार और प्रशासन ने अंततः 26 फरवरी महाशिवरात्रि के दिन ही शिव बारात निकालने का निर्णय किया। प्रदेश सरकार में मंत्री रविन्द्र जायसवाल ने आयोजकों और वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस के अधिकारियों से वार्ता की और बताया कि पुरानी परंपरा को कायम रखते हुए बाबा की शिव बारात महाशिवरात्रि को ही रात्रि 8:00 बजे से निकलेगी। उन्होंने आयोजन मंडल की पदाधिकारी से कहा कि बारात को काशी की परंपरा के अनुसार निकाला जाए। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगी शिव बारात के दौरान दर्शनार्थियों को किसी भी प्रकार की परेशानी न होने पाए।
परंपरा के अनुसार बारात महामृत्युंजय मंदिर, दारानगर से उठकर मैदागिन, बुलानाला, चौक, बाबा धाम गोदौलिया होते हुए चितरंजन पार्क तक जाती है। वहां वधू-पक्ष भांग ठंडई, माला-फूल से बारातियों की अगवानी करती है। नगर में निकलने वाली विश्व प्रसिद्ध शिव-बारात इस बार 43वें वर्ष में प्रवेश करेगी।

