बिजली कर्मियों का ऊर्जा मंत्री आवास पर प्रदर्शन, निजीकरण और सख्त कार्रवाईयों के खिलाफ फूटा गुस्सा

लखनऊ, जनमुख न्यूज़। उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग के कर्मचारियों का आक्रोश चरम पर पहुंच गया है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर मंगलवार को बड़ी संख्या में बिजली कर्मियों ने ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के आवास का घेराव किया और जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने ऊर्जा मंत्री के इस्तीफे की मांग की और कहा कि “बिजली विभाग किसी के बाप का नहीं है”। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।
प्रदर्शन का मुख्य कारण बिजली विभाग के निजीकरण की प्रक्रिया और मामूली बिजली कटौती पर अधिकारियों पर हो रही सख्त कार्रवाई है। हाल ही में केवल 10 मिनट की बिजली गुल होने पर विभाग ने कई अभियंताओं के खिलाफ सस्पेंशन जैसी सख्त कार्रवाई की, जिससे कर्मचारियों में भारी असंतोष है।
प्रदर्शनकारियों ने सुबह से ही ऊर्जा मंत्री के आवास के बाहर एकत्र होना शुरू कर दिया था और दोपहर तक भारी संख्या में कर्मचारी जमा हो गए। अधिकारियों ने आंदोलनकारियों को समझाने का प्रयास किया और कहा कि प्रतिनिधिमंडल को मंत्री से मिलवाया जाएगा। संगठन ने 10 पदाधिकारियों के नाम भेजे, लेकिन मंत्री ने रिटायर्ड कर्मियों से मिलने से इनकार कर दिया। इस पर संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने मौजूदा प्रतिनिधिमंडल से ही मुलाकात की मांग की, लेकिन ऊर्जा मंत्री ने मिलने से स्पष्ट इनकार कर दिया। इससे आक्रोशित कर्मचारी मंत्री के गेट तक पहुंच गए और जोरदार नारेबाजी करने लगे।
अभियंता संघ के महामंत्री जितेन सिंह गुर्जर ने कहा कि पिछले आठ महीनों से निजीकरण का शांतिपूर्ण विरोध चल रहा है। लेकिन ऊर्जा मंत्री लगातार सार्वजनिक मंचों से निजीकरण के फायदे गिना रहे हैं। हम उन्हें बताना चाहते हैं कि इस कदम से उपभोक्ताओं और युवाओं का कितना नुकसान हो रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि इंजीनियरों को निलंबित किया जा रहा है और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों, जिनकी तनख्वाह बेहद कम है, उन्हें बिना नोटिस हटाया जा रहा है। मिर्जापुर की उस घटना का हवाला भी दिया गया जहां मंत्री के कार्यक्रम के दौरान बिजली गुल होने पर अधिशासी अभियंता समेत कई कर्मियों को निलंबित कर दिया गया था, जबकि प्रबंधन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
बिजली कर्मियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो विरोध और तेज किया जाएगा।

