नेहरू से लेकर इंदिरा और राजीव तक कांग्रेस ने संविधान पर हमला किया किया: लोकसभा में पीएम मोदी

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज़। कांग्रेस के नेहरू-गांधी परिवार पर तीखा और बेबाक हमला करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि परिवार की चार पीढ़ियों – भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से लेकर राहुल गांधी तक – ने संविधान को बदनाम करने और उसे नष्ट करने का “पाप” किया है। गौरतलब है कि उन्होंने धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की दिशा में आगे बढ़ने की अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई।
लोकसभा में ‘भारत के संविधान की 75 साल की गौरवशाली यात्रा’ पर दो दिवसीय बहस का जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि वह और उनकी सरकार संविधान की भावना के अनुसार चलते हैं। अपने करीब दो घंटे के संबोधन में मोदी ने बार-बार देश की एकता की बात कही।
पीएम ने कहा कि जिन्होंने अपनी पार्टी के संविधान को स्वीकार नहीं किया है। इनकी शुरुआत ही गड़बड़ हुई है। 12 कांग्रेस की प्रदेश की कमेटियों ने सरदार पटेल के नाम पर सहमति दी थी। नेहरु जी के साथ एक भी कमेटी नहीं थी। संविधान के तहत सरदार साहब ही देश के प्रधानमंत्री बनते। लेकिन लोकतंत्र में श्रद्धा नहीं, खुद के ही संविधान को नहीं माना। इसलिए सरदार जी प्रधानमंत्री नहीं बने और ये बैठ गए। जो लोग अपनी ही पार्टी के संविधान को नहीं मानते, वे देश के संविधान को कैसे स्वीकार कर सकते हैं।
समान नागरिक संहिता पर जोर
पीएम मोदी ने कहा कि संविधान सभा में समान नागरिक संहिता को लेकर गहन चर्चा की गई थी। बाबा साहब आंबेडकर ने कहा था कि धार्मिक आधार पर बने पर्सनल लॉ को खत्म करने की जरूरत है। मुंशी जी ने तब कहा था कि समान नागरिक संहिता देश की एकता अनिवार्य है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कई बार यूसीसी लाने की बात कही है। हम इसे लागू करने के लिए पूरी ताकत से लगे हैं। कांग्रेस के लोग संविधान निर्माताओं की भावना का अनादर कर रहे हैं। उनके लिए संविधान राजनीति का हथियार है।
संविधान से खिलवाड़ करती रही है कांग्रेस
पीएम मोदी ने कहा कि संविधान में लोगों के नाम ढूंढने वालों को मैं बता दूं कि कांग्रेस के अध्यक्ष सीताराम केसरी जो अति पिछड़े समाज से आते थे, उनका अपमान किया गया। उनको बाथरूम में बंद कर दिया गया। फुटपाथ पर फेंका गया। पूरी कांग्रेस पर एक परिवार ने कब्जा कर लिया। लोकतंत्र को नकार दिया। संविधान के साथ खिलवाड़ करता कांग्रेस की रगों में रहा है। हमारे लिए संविधान कर पवित्रता और शुचिता सर्वोपरि है। हमने 13 दिन सरकार चलाई। सरकारों को अस्थिर करने के लिए खेल खेले गए। सरकार बचाने के लिए वोट खरीदे गए। 90 के दशक में कई सांसदों को रिश्वत देने का पाप किया गया। कांग्रेस के लिए सत्ता सुख, सत्ता की भूख यही उसका इतिहास और वर्तमान है।
2014 के बाद एनडीए ने संविधान को मजबूत किया। पुरानी बीमारियों से हमने मुक्ति का अभियान चलाया। हमने देश की एकता के लिए संविधान संशोधन किए। ओबीसी के लिए सम्मान के लिए हमने संविधान संशोधन किया। समाज के दबे, कुचले लोगों के साथ खड़े होना हमारा कर्तव्य है। हमने सामान्य जन को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया। हमने महिलाओं को शक्ति दी। हमने देश की एकता के लिए संविधान संशोधन किया। हमने डंके की चोट पर धारा 370 को हटाया। हमने सीएए लाया। हमने जो किया उस पर हमें गर्व है।
युवाओं को राजनीति में लाएं
पीएम ने कहा कि संविधान भेदभाव की अनुमति नहीं देता है। हर लाभार्थी को हम योजना का पूरा लाभ दे रहे हैं। जिसका हक है हम उसे पूरा हक दे रहे हैं। सामाजिक न्याय को लेकर हम जी रहे हैं। पीएम ने कहा कि कुछ दलों का राजनीतिक स्वार्थ और सत्ता का भाव रखने वालों से मैं कुछ पूछना चाहता हूं। देश में योग्य नेतृत्व को अवसर मिलना चाहिए या नहीं? क्या लोकतंत्र को परिवारवाद ने नुकसान पहुंचाया है? युवा राजनीति में आगे आएं इसके लिए हर राजनीतिक दल प्रयास करे। एक लाख नौजवानों को राजनीति में लाना है। अगर हम मौलिक कर्तव्यों का पालन करें तो कोई हमें विकसित भारत बनाने से नहीं रोक सकता।
पीएम ने 11 संकल्प रखे देश के सामने
पीएम ने सदन के सामने 11 संकल्प रखे। पहला संकल्प नागरिक और सरकार अपने कर्तव्यों का पालन करे। दूसरा संकल्प हर क्षेत्र और समाज को विकास का लाभ मिले। तीसरा संकल्प भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस हो। भ्रष्टाचारी की सामाजिक स्वीकार्यता न हो। चौथा संकल्प देश के कानून, नियम और परंपरा के पालन में देश के नागरिक में गर्व का भाव हो। पांचवां संकल्प गुलामी की मानसिकता से मुक्ति हो। छठवां संकल्प देश की राजनीति को परिवारवाद से मुक्ति मिले। सातवां संकल्प संविधान का सम्मान हो। राजनीतिक स्वार्थ के लिए संविधान को हथियार न बनाया जाए। आठवां संकल्प आरक्षण न छीना जाए। धर्म के आधार पर आरक्षण की हर कोशिश पर रोक लगे। नौवां संकल्प वीमेन लेड डवलपमेंट में भारत दुनिया के लिए मिसाल बने। दसवां संकल्प राज्य के विकास से राष्ट्र का विकास हो। 11 वां संकल्प एक भारत श्रेष्ठ भारत का ध्येय सर्वोपरि हो। इसी संकल्प के साथ हम मिलकर आगे बढ़ते हैं तो संविधान की भावना पूरी होगी। देश जब आजादी के 100 साल मनाएगा तो विकसित भारत के साथ मनाएगा।

