काशी विद्यापीठ में छात्रों का उग्र प्रदर्शन: एंट्रेंस परीक्षा की मांग, एक छात्र की तबीयत बिगड़ी

वाराणसी, जनमुख न्यूज़। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में बीते 28 दिनों से लगातार प्रदर्शन कर रहे छात्रों का आंदोलन सोमवार को और उग्र हो गया। विरोध जताने के लिए कई छात्रों ने खुद को जंजीरों में जकड़ लिया और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान एक छात्र की हालत बिगड़ गई और वह बेहोश होकर गिर पड़ा। उसे तुरंत कबीर चौरा मंडलीय अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया।
प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग है कि विश्वविद्यालय में मेरिट आधारित प्रवेश प्रणाली को समाप्त कर उसकी जगह एंट्रेंस एग्जाम शुरू किया जाए, जिससे सभी उम्मीदवारों को समान अवसर मिल सके। छात्रों का कहना है कि वर्तमान मेरिट सिस्टम से ग्रामीण क्षेत्रों के होनहार छात्रों के साथ अन्याय हो रहा है और यह महात्मा गांधी के उद्देश्यों के खिलाफ है।
छात्र नेता शिवम यादव ने कहा कि काशी विद्यापीठ की स्थापना गरीब, शोषित और ग्रामीण छात्रों को शिक्षा का अवसर देने के उद्देश्य से की गई थी। लेकिन वर्तमान नीतियों से इस उद्देश्य का हनन हो रहा है।
पूर्व पुस्तकालय मंत्री आशीष गोस्वामी ने बताया कि छात्रों की तीन प्रमुख मांगे हैं:
1. मेरिट आधारित प्रवेश प्रणाली को रद्द किया जाए और प्रवेश के लिए फिर से परीक्षा आयोजित की जाए।
2. पेड सीटों की संख्या को घटाकर 33% किया जाए, जिसे हाल में बढ़ाकर 50% कर दिया गया है।
3. प्रवेश शुल्क में की गई बढ़ोतरी को वापस लिया जाए और पहले जैसी फीस ही लागू की जाए

