गुजरात की गगनचुंबी इमारतों की परियोजनाओं में तेजी

गांधीनगर, जनमुख न्यूज।गांधीनगर। आधुनिक विकास के युग में गगनचुंबी इमारतें अपनी विशेष पहचान रखती हैं, इसलिए इसे सेलिब्रेट करने के लिए हर साल ३ सितंबर को इंटरनेशनल स्कायस्क्रैपर डे मनाया जाता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत और मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात गगनचुंबी इमारतों के निर्माण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उल्लेखनीय है कि गुजरात अपनी विशेष स्कायस्क्रैपर पॉलिसी के बदौलत गुजरात ने पिछले कुछ सालों में स्कायस्क्रैपर प्रोजेक्ट्स से १००० करोड़ रुपए का राजस्व हासिल करने में भी सफलता पाई है। आपको बता दें कि वर्ष २०१७ तक, गुजरात में इमारतों के लिए अधिकतम ७० मीटर की ऊँचाई अनुमेय थी। शहरी विस्तार की आवश्यकता और वर्टिकल ग्रोथ की क्षमता को पहचानते हुए, राज्य सरकार ने नियमों को संशोधित कर इस दिशा में प्रगतिशील कदम उठाए हैं। राज्य सरकार की स्कायस्क्रैपर पॉलिसी के लागू होने के बाद राज्य में १०० मीटर से अधिक ऊँची प्रतिष्ठित संरचनाओं के निर्माण को प्रोत्साहन मिला है। २७ मई २०२१ को लागू स्कायस्क्रैपर पॉलिसी ने अहमदाबाद, सूरत, राजकोट, वडोदरा और गांधीनगर जैसे प्रमुख शहरों में गगनचुंबी इमारतों के विकास का मार्ग प्रशस्त किया है।राज्य सरकार की यह नीति ५.४ के अधिकतम फ्लोर स्पेस इंडेक्स (एफएसआई) के साथ ऊंची इमारतों के निर्माण की मंजूरी देती है। बेस (एफएसआई) के अलावा प्रीमियम इएघ् रेडी रेकनर दर के ५० पर उपलब्ध है जो डेवलपर्स को वर्टिकल ग्रोथ में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करता है।इन नियमों के लागू होने के बाद से अहमदाबाद, सूरत, गांधीनगर और वडोदरा में ३० गगनचुंबी इमारतों को मंजूरी दी गई है। गुजरात की फाइनेंशियल टेक सिटी यानी गिफ्ट सिटी ने पहले ही दो गगनचुंबी इमारतों का निर्माण पूरा कर लिया है और अन्य १० निर्माणाधीन हैं।इन प्रोजेक्ट्स से गुजरात ने वर्टिकल डेवलपमेंट में महत्वपूर्ण राजस्व सृजन में सफलता हासिल की है। गुजरात ने स्थानीय निकायों के प्रीमियम इएघ् के माध्यम से लगभग १००० करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है। राज्य के शहरी परिदृश्य को सुंदर बनाने वाली ऐसी कई परियोजनाएं इस वर्ष दिवाली से पहले पूरी होने की उम्मीद है।ये इमारतें न केवल ऊंचाई में नए रिकॉर्ड बना रही हैं, बल्कि इनमें मिवन फॉर्मवर्क, शियर वॉल और छत के स्तर पर स्काईवॉक जैसी उन्नत निर्माण तकनीकें भी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग के लिए प्रावधान यह सुनिश्चित करता है कि ये विकास भविष्य के लिए तैयार हैं।शहरी विकास और शहरी आवास विभाग के प्रधान सचिव अश्विनी कुमार की अध्यक्षता में राज्य स्तर पर एक स्पेशल टेक्निकल कमेटी (एसटीसी) की स्थापना की गई है, जो ऊंची इमारत परियोजनाओं की व्यवहार्यता का आकलन करेगी। इस समिति में सॉयल मिकेनिकल, स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग, और फायर सर्विस के विशेषज्ञ शामिल हैं जो यह सुनिश्चित करते हैं कि इन गगनचुंबी इमारतों में सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता बने।

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