लंका से उजाड़े गए गुमटी व्यवसायियों ने किया प्रदर्शन, मार्च निकाल कर प्रशासन से की न्याय की मांग

वाराणसी, जनमुख न्यूज़। BHU लंका से उजाड़े गए स्ट्रीट वेंडरो की तरफ से शास्त्री घाट कचहरी पर प्रदर्शन करते हुए सभा आयोजित की गई, सभा के बाद मार्च करते हुए डीएम कार्यालय पर एसडीएम कर्मवीर सिंह वाराणसी को ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें बनारस के नागरिक समाज और मैगेसेस पुरस्कार डॉक्टर संदीप पाण्डेय भी शामिल रहे।
धरना प्रदर्शन स्थल पर वक्ताओं ने कहा कि सितंबर 2024 से ही BHU अस्पताल की सड़क पर सर्वेकृत वेंडर जो कि पीएम स्वनिधि योजना के लाभार्थी भी हैं , को लँका थानाध्यक्ष शिवाकांत मिश्रा जी कोप का भाजन बनाए हुए हैं। और तबसे दुकानें बंद है।
40,000 वेंडरो की रजिस्टर्ड संख्या नगर निगम की वेबसाइट पर है। कच्चा सामग्री बेचने वाले 10,000 ऐड किया जाय तो संख्या 50,000। 4- 5 परिजनों को गुणा कीजिए , दो से ढाई लाख लोग इस आजीविका पर आश्रित हैं। दो ढाई लाख लोग सरकारी आंकड़े में हैं। हम आप जानते है यह आंकड़ा दोगुना होगा वास्तविकता में।
धैर्य से सोचा जय तो अस्पताल रेलवे स्टेशन बस अड्डे आसपास ये लोग सिर्फ अपनी आजीविका चलाते हैं ? भर्ती मरीज को उबला अंडा देते हैं, गर्म दूध देते हैं। जो दूरदराज से आये हुए लोग BHU पँहुचते है तो उनको सस्ते दाम में बाटी चोखा खिलाते हैं।
लँका के स्ट्रीट वेंडर धरना ज्ञापन आदि लोकतांत्रिक कोशिशों के बाद मा0 हाईकोर्ट इलाहाबाद में पेटिशन फाइल कर के स्टे भी ले आए हैं लेकिन इसके बाद भी दुकाने नहीं लगने दी गई।
आज 17 जून मंगलवार को प्रख्यात सामाजिक राजनैतिक कार्यकर्ता मैग्सेसे पुरष्कार विजेता सन्दीप पांडेय जी के नेतृत्व में वाराणसी जिलाधिकारी से आग्रह किया गया कि वेंडरो का उत्पीड़न बन्द हो। मान उच्च न्यायालय के आदेश को मानवीय दृष्टिकोण से लागू किया जाए और इनकी रोजी रोटी ससम्मान चलने दिया जाए।
आज के ज्ञापन में मुख्य मांगे
1-लंका नरिया मार्ग पर सर सुन्दर लाल हास्पिटल के उत्तरी तरफ दीवाल से सटे सड़क से एक फुट ऊंचे नाले पर लगभग 50 साल से ज्यादा अपने बाप दादों के समय से विरासत बाजार के रुप में हास्पिटल मे आए मरीजों के तीमारदारों के जरुरत मन्द सामानों की पूर्ति करते हुए लगभग 54 स्ट्रीट वेंडर अपनी आजीविका चलाते रहें हैं।
2- वर्ष 2020 मे पथ विक्रेता अधिनियम 2014 के तहत नगर निगम एवं डूडा के संयुक्त टीम ने हमें पंजीकृत कर पी एम स्वनिधि से रोजगार करने के लिए लोन दिया और वेन्डिग सर्टिफिकेट एवं पी एम स्वनिधि का बैच दिया गया है।
3- पिछ्ले 3 सितम्बर 2024 से स्थानीय लंका थाना प्रभारी निरीक्षक श्री शिवाकांत मिश्रा ने अपने पुलिस बल के साथ आकर हम पंजीकृत स्ट्रीट वेंडरों को बार बार हटाया और विक्रय सामानों को जप्त किया गया और दुकानदारों को जानवरों की तरह मारा पीटा गया। जिसकी शिकायत पुलिस कमिश्नर/नगर आयुक्त मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री तक करते हुए हमने अपनी आजीविका सरंक्षण के लिए गुहार लगाई।
4-उक्त समस्या से कोई रास्ता न निकलता देख हम वेंडरों ने माननीय उच्च न्यायालय मे गुहार लगाई। माननीय उच्च न्यायालय ने वाद संख्या 37901/2024 में एक अतरिम आदेश दिनांक 7/2/2025 को जारी किया है कि अगली सुनवाई तक दुकानें लगाने दिया जाय।
लेकिन लंका थाने के प्रभारी निरीक्षक ने माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना करते हुए दुकानें नहीं लगानें दिया और कहते हैं कि जाओ हमारे पर कंटेम्प्ट करो।
5-माननीय उच्च न्यायालय में कंटेम्प्ट दाखिल हुआ है जिसका बाद संख्या 1632/2025 है।
6- जब से हम लोगों ने मुक़दमा दाखिल किया हैं तब से प्रभारी निरीक्षक लंका काफी नाराज़ हैं। उन्होंने मारने पीटने जेल भेजने की धमकी दी और मुकदमें में पार्टी बनने वालों को काफी डराया धमकाया और तीन दुकानदार महेंद्र कुमार पुत्र राकेश कुमार/संजय सोनकर पुत्र छोटे लाल सोनकर/बल्ली बहेलिया पुत्र कमल बहेलिया को इनको ठेले पर से उठा कर थाने ले गए । वहां उन्हें मारा पीटा गया और धारा 170/126/135 मे चलान किया गया। इससे सभी दुकानदार भयभीत हैं कि कब किसके साथ क्या होगा।हम सब उम्मीद करते है कि प्रशासन जल्द ही कोई उचित कदम उठाएगा।
आज के ज्ञापन कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ सन्दीप पांडेय, चिंतामणि सेठ, एकता शेखर, प्रेम सोनकर, जागृति राही , धंनजय, नंदलाल मास्टर, अमित, डॉ अनूप श्रमिक, चुंन्नी देवी , मुन्नी देवी, महेंद्र केशरी, त्रिवेणी गुप्ता, रामजनम, प्रमोद, राजकुमार सोनकर, प्रकाश सोनकर, पार्वती देवी, दीपक सेठ, अनिल गुप्ता, सनी गुप्ता, कुणाल, श्याम बाबू सोनकर आदि मौजूद रहे।

