घोड़े की मूर्ति लाती है जीवन में हर तरफ मिलेगी सफलता

वास्तु शास्त्र के अनुसार घोड़े की मूर्ति को ऊर्जा, गति और सफलता का प्रतीक माना गया है। यहां कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं, जो वास्तु के सिद्धांतों और मनोवैज्ञानिक प्रभावों पर आधारित हैं। जो घर और जीवन में सकारात्मकता और प्रगति लाने में मदद कर सकते हैं :
घोड़े की मूर्ति का मनोवैज्ञानिक प्रभाव
घोड़े की मूर्ति घर में रखने से व्यक्ति के अंदर ‘गति और अनुशासन’ का भाव पैदा होता है।
यह आपके मस्तिष्क को स्थिरता और प्रगति की ओर प्रेरित करता है।
घोड़े की शक्ति को देखने से आत्मविश्वास और मानसिक ऊर्जा बढ़ती है।
परिवार की एकजुटता बढ़ाना
अगर आप घोड़ों के समूह (जैसे सात घोड़ों) की मूर्ति रखते हैं, तो यह परिवार के सदस्यों के बीच सामंजस्य बढ़ाने में मदद करता है।
समूह में दौड़ते घोड़े परिवार में सहयोग और सामूहिक लक्ष्य की भावना को प्रोत्साहित करते हैं।
विशिष्ट रंग और दिशा का महत्व
सफेद घोड़ा: शांति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। इसे उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा में रखना शुभ होता है।
भूरा घोड़ा: स्थायित्व और दृढ़ता का प्रतीक है। यह पश्चिम दिशा में रखा जाए तो बेहतर होता है।
काला घोड़ा: इसे मुख्य रूप से दक्षिण दिशा में रखा जाता है और यह बाहरी नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा प्रदान करता है।
सुनहरे रंग का घोड़ा: समृद्धि और वैभव का प्रतीक है। इसे पूर्व दिशा में रखें।
व्यवसाय और करियर में लाभ
दौड़ते हुए घोड़ों की मूर्ति घर के ड्राइंग रूम या ऑफिस में रखने से व्यावसायिक प्रगति होती है।
यह प्रभावी निर्णय लेने की क्षमता बढ़ाता है और करियर में स्थायित्व प्रदान करता है।
व्यावसायिक कक्ष में इसे दक्षिण-पूर्व दिशा में रखने से वित्तीय लाभ होता है।
रिश्तों में सुधार
दो घोड़ों की मूर्ति संबंधों में संतुलन और प्रेम का प्रतीक है।
इसे बेडरूम में दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखा जा सकता है।
यह दांपत्य जीवन में समझ और सहयोग को बढ़ावा देता है।
मूर्ति के आकार और सामग्री का प्रभाव
धातु की मूर्ति: यह मजबूत इच्छाशक्ति और निर्णय लेने की शक्ति को बढ़ाती है।
लकड़ी की मूर्ति: यह मानसिक शांति और स्थायित्व प्रदान करती है।
क्रिस्टल घोड़ा: यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मकता लाने में सहायक है।
घोड़े की मूर्ति का आकार बड़ा नहीं होना चाहिए, बहुत बड़ी मूर्ति अत्यधिक दबाव और ऊर्जा असंतुलन ला सकती है।
ध्यान देने योग्य बातें
टूटी हुई या खंडित घोड़े की मूर्ति घर में न रखें, यह नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
घोड़े की मूर्ति का मुख हमेशा घर के अंदर की ओर होना चाहिए। बाहर की ओर मुख वाली मूर्ति ऊर्जा का प्रवाह बाहर कर सकती है।
मूर्ति को नियमित रूप से साफ करना चाहिए ताकि उस पर धूल न जमे क्योंकि यह ऊर्जा प्रवाह में बाधा डाल सकती है।
आध्यात्मिक दृष्टिकोण
घोड़े की मूर्ति सोलर प्लेक्सस चक्र (नाभि चक्र) को सक्रिय करने में मदद करती है, जो आत्मविश्वास और ऊर्जा का केंद्र है।
यह चक्र सक्रिय होता है, तो व्यक्ति अपने जीवन के उद्देश्य को बेहतर ढंग से समझ पाता है और तेज़ी से निर्णय ले पाता है।
घोड़े की मुद्रा का महत्व
दौड़ता हुआ घोड़ा: प्रगति और तेजी का प्रतीक है।
खड़ा हुआ घोड़ा:
साहस और शक्ति का प्रतीक है।
शांत मुद्रा में खड़ा घोड़ा: मानसिक स्थिरता और धैर्य का प्रतीक है।
पारिवारिक कर्म और ऊर्जा का सामंजस्य
घोड़े की मूर्ति पारिवारिक कर्म को तेज़ गति से फलदायक बनाने में मदद करती है।
यदि परिवार में कोई आलस्य या निर्णय लेने में देरी करता है तो यह ऊर्जा के प्रवाह को तेज़ कर सही दिशा देने का काम करती है।

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