मठ-मंदिरों पर गृहकर माफ, जल-सीवर कर में 50% छूट: नगर आयुक्त

वाराणसी, जनमुख न्यूज़। जिले में मठों और मंदिरों से नगर निगम द्वारा कर वसूली को लेकर संत समाज के विरोध के बाद बृहस्पतिवार को नगर निगम कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। इस दौरान नगर आयुक्त हिमांशु नागपाल ने स्पष्ट किया कि मठों और मंदिरों पर गृहकर पूरी तरह से माफ है, जबकि जलकर और सीवर कर में 80जी के तहत 50 प्रतिशत की छूट दी जा रही है।
नगर आयुक्त ने बताया कि पहले भवनों पर गृहकर का बिल अलग से और जलकल विभाग की ओर से जलकर व सीवर कर के बिल अलग-अलग जारी होते थे। शासन के निर्देश पर नगर निगम में अब गृहकर, जलकर और सीवर कर को मिलाकर एकीकृत बिल जारी किया जा रहा है। इसी क्रम में वित्तीय वर्ष 2025-26 में पहली बार संपत्ति कर के रूप में संयुक्त बिल जारी किया गया है। चार माह के भीतर राजस्व वसूली के लक्ष्य को पूरा करने के लिए 20 हजार रुपये से अधिक बकाया वाले भवनों को डिमांड नोटिस भेजे गए हैं।उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 175 और 177 के तहत चैरिटेबल ट्रस्ट, स्कूल, कॉलेज और मठ-मंदिरों को गृहकर से छूट दी गई है, लेकिन जलकर और सीवर कर इस छूट में शामिल नहीं हैं। इसी आधार पर पातालपुरी मठ को सात नवंबर को संपत्ति कर बकाया होने पर नोटिस जारी किया गया था। इसके बाद मठ के प्रतिनिधियों ने नौ नवंबर को कर माफी के लिए आवेदन किया, जिस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए नगर निगम ने मठ को गृहकर से मुक्त कर दिया।
नगर आयुक्त ने यह भी बताया कि नगर निगम द्वारा चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत सार्वजनिक उपासना स्थलों को कर-मुक्त करने के लिए चिन्हीकरण की प्रक्रिया जारी है। अब तक कोतवाली जोन में करीब 40 मठ-मंदिरों को चिन्हित किया जा चुका है और आगे भी यह प्रक्रिया जारी रहेगी।

