फर्जी AI वीडियो की कैसे करें पहचान!

डिजिटल में युग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से नकली (फेक) वीडियो बनाना काफी आसान हो गया है। ये डीपफेक वीडियोज किसी भी व्यक्ति की आवाज और चेहरे के हावभाव बिल्कुल सेम नकल कर सकते हैं। जिस वजह से असली और नकली वीडियो में फर्क करना काफी मुश्किल हो गया है। अगर आप डीपफेक वीडियोज लेकर अभी तक सतर्क नहीं हुए, तो हो जाएं। इन वीडियोज की पहचान करना काफी मुश्किल होता है।
आइए जानते हैं फेक एआई वीडियोज को पहचानने का तरीके।
चेहरे के हावभाव और लिप्सिंग पर ध्यान दें
- फेक वीडियो में चेहरे के भाव थोड़े असामान्य या अप्राकृतिक लग सकते हैं।
- इन वीडियोज को ठीक से देखोगे तो बोलते समय होंठों की हरकत और आवाज में तालमेल नहीं बैठता।
पलकों और आंखों की एक्टिविटी पर ध्यान दें - ज्यादातर डीपफेक वीडियोज में आंखे कम झपकती हैं या कभी-कभी बिल्कुल भी नहीं झपकतीं।
- आंखों का फोकस और चमक असली व्यक्ति की तुलना में अलग हो सकती है।
बैकग्राउंड और छायाओं पर नजर रखें
- इन वीडियोंज में रोशनी का प्रभाव असली नहीं लगता और छायाएं अजीब तरीके से बदलती हैं।
- बैकग्राउंड और व्यक्ति के बीच ब्लर इफेक्ट या कम विकृति दिखाई देगी।
साउंड क्वालिटी और उच्चारण पर ध्यान दें - फेक वीडियो में आवाज को एआई टूल्स से मॉडिफाई किया जाता है, इसमें रोबोटिक टोन आता है।
- कई शब्दों में उच्चारण गलत हो सकता है या वीडियो के साथ सिंक नहीं हो सकता।
वीडियो की विश्वसनीयता जांच लें
यदि कोई विवादास्पद वीडियो वायरल हो रही है, तो ऑफिशियल न्यूज चैनलों या विश्वसनीय वेबसाइट्स पर उसकी पुष्टि करें।
- डीपफेक वीडियो में रिवर्स इमेज सर्च और वीडियो फ्रेम एनालिसिस से वीडियो की असलियत का पता लगा सकते हैं।
इसके अलावा इन टूल्स को प्रयोग कर सकते हैं - Deepware Scanner
- Microsoft Video Authenticator
- Sensity AI

