ऑपरेशन सिंदूर: खुफिया सूचना पर भारत ने पीओके में आतंकी ठिकानों को किया ध्वस्त

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज़। भारत ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के दो सप्ताह बाद एक निर्णायक कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन के तहत जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े शिविरों पर हमले किए गए, जिनमें कई आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने इस ऑपरेशन की जानकारी देते हुए बताया कि यह कार्रवाई विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर की गई। भारत ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन केवल आतंकी ढांचों को खत्म करने के उद्देश्य से किया गया और इसमें कोई सैन्य प्रतिष्ठान निशाने पर नहीं था।
विक्रम मिसरी ने कहा, “पहलगाम हमले की जांच से पता चला है कि इसमें पाकिस्तान का हाथ है… हमारी खुफिया एजेंसियों ने इसमें शामिल लोगों और योजनाकारों की पहचान कर ली है… भारत ने आतंकी ढांचे को नष्ट करने के अपने अधिकार का प्रयोग किया है।” उन्होंने कहा, ‘‘पहलगाम हमले का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर और भारत के अन्य हिस्सों में सांप्रदायिक विवाद को भड़काना था।’’
ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देते हुए भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि भारतीय सेना ने सटीक कार्रवाई के दौरान पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकाने पूरी तरह बर्बाद करने में सफलता पाई है। उन्होंने कहा कि खुफिया सूचना के आधार पर कार्रवाई की गई। आम नागरिकों को नुकसान न हो, इस बात का पूरा ध्यान रखा गया है।
हमले के मुख्य बिंदु:
बहावलपुर, मुरीदके, सियालकोट, बरनाला, कोटली और मुजफ्फराबाद के आतंकी प्रशिक्षण शिविरों को निशाना बनाया गया।
इन ठिकानों में अजमल कसाब और डेविड हेडली जैसे आतंकियों को भी पहले प्रशिक्षण दिया गया था।
सरकार ने कहा कि हमले में नागरिक इलाकों को नुकसान न पहुंचे, इसका पूरा ध्यान रखा गया।
22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले में 25 भारतीय पर्यटक और एक विदेशी नागरिक की निर्मम हत्या की गई थी। हमलावरों ने पर्यटकों को बेहद नजदीक से गोली मारी और परिवार के सामने उन्हें मारकर दहशत फैलाने की कोशिश की। इस हमले के पीछे उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति और तेजी से बढ़ते पर्यटन को बाधित करना था।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि भारत अपनी सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सतर्क है और पाकिस्तान की ओर से किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है।
इस दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने के लिए कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह मौजूद थीं। इस दौरान बताया गया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ रात एक बजकर पांच मिनट और एक बजकर 30 मिनट के बीच चलाया गया। इस दौरान आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। सेना ने पाकिस्तान के 100 किलोमीटर अंदर मिसाइल हमले किए और नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया। भारत की स्ट्राइक की जद में पीओके में पांच और पाकिस्तान में चार आतंकी ठिकाने आए। इससे पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में संसद हमले, मुंबई हमले, पुलवामा हमले और पहलगाम हमले के दृश्य दिखाए गए। सबसे पहले विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इसके बाद कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पूरी जानकारी साझा की। उन्होंने बतायास कि ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए वीभत्स आतंकी हमले के शिकार नागरिकों और उनके परिवारों को न्याय देने के लिए किया गया। नौ ठिकानों की पहचान कर उन्हें बर्बाद किया गया।
हमले के मुख्य बिंदु:
बहावलपुर, मुरीदके, सियालकोट, बरनाला, कोटली और मुजफ्फराबाद के आतंकी प्रशिक्षण शिविरों को निशाना बनाया गया।
इन ठिकानों में अजमल कसाब और डेविड हेडली जैसे आतंकियों को भी पहले प्रशिक्षण दिया गया था।
सरकार ने कहा कि हमले में नागरिक इलाकों को नुकसान न पहुंचे, इसका पूरा ध्यान रखा गया।
22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले में 25 भारतीय पर्यटक और एक विदेशी नागरिक की निर्मम हत्या की गई थी। हमलावरों ने पर्यटकों को बेहद नजदीक से गोली मारी और परिवार के सामने उन्हें मारकर दहशत फैलाने की कोशिश की। इस हमले के पीछे उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति और तेजी से बढ़ते पर्यटन को बाधित करना था।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि भारत अपनी सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सतर्क है और पाकिस्तान की ओर से किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है।
लश्कर-ए-तैयबा के टॉप कमांडर की मौत
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक,मुरिदके स्थित मरकज तैयबा पर की गई एयर स्ट्राइक में लश्कर-ए-तैयबा के हाई वैल्यू टारगेट (HVT) हाफिज अब्दुल मलिक मारा गया। हाफिज अब्दुल मलिक संगठन के रणनीतिक अभियानों से जुड़ा एक अहम चेहरा माना जाता था। लंबे समय से सुरक्षा एजेंसियों की रडार पर था।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘यह शर्मनाक है। मुझे लगता है कि लोगों को पता था कि कुछ होने वाला है। वे लंबे समय से लड़ रहे हैं। अगर आप इसके बारे में सोचें तो वे कई दशकों और सदियों से लड़ रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि यह जल्द ही खत्म हो जाएगा।’

