भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर: व्यापार, निवेश और तकनीकी सहयोग के नए द्वार खुले

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज़। भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए, जो दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। इस समझौते पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की उपस्थिति में औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किए गए।
उद्योग जगत ने इस एफटीए का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई है कि इससे व्यापारिक बाधाएं घटेंगी, निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा और संयुक्त उद्यमों के साथ-साथ तकनीकी सहयोग को भी मजबूती मिलेगी। यह समझौता भारत-यूके व्यापार को ही नहीं, बल्कि वैश्विक व्यापार को भी नई दिशा देगा, विशेष रूप से तब जब वैश्विक स्तर पर अमेरिकी टैरिफ को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने इसे द्विपक्षीय संबंधों में एक निर्णायक मोड़ बताते हुए कहा कि यह समझौता समावेशी विकास, आर्थिक लचीलापन और औद्योगिक बदलाव के प्रति दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है। एफटीए से बाजार पहुंच, नियामक सहयोग और अगली पीढ़ी की साझेदारियों के लिए ठोस आधार तैयार होगा।
सीआईआई द्वारा आयोजित व्यापार प्रतिनिधिमंडल की भूमिका को भी महत्वपूर्ण बताया गया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि सरकार और उद्योग जगत मिलकर भारत-ब्रिटेन संबंधों को नई दिशा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
यह समझौता लागू होने के बाद कपड़ा, परिधान, चमड़ा, रत्न और आभूषण, समुद्री उत्पाद, स्वच्छ ऊर्जा, डिजिटल टेक्नोलॉजी, जीवन विज्ञान और उन्नत विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में व्यापार के नए अवसर खुलेंगे।
एफटीए के तहत एक सामाजिक सुरक्षा समझौता भी शामिल है, जिसके तहत यूके और भारत के पेशेवरों को तीन साल तक अपने देश की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में योगदान जारी रखने की सुविधा मिलेगी। यह प्रावधान दोनों देशों के कुशल पेशेवरों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा।

