इजरायल ने राम मंदिर में की पूजा बजाया शंख

नई दिल्ली,जनमुख न्यूज। अब इसे संयोग कहा जाए या कुछ और लेकिन भारत में पूजा करते ही इजरायल ने अपने सबसे बड़े दुश्मन को मारने में सफलता हासिल कर ली। इजरायल दशकों से हमास नेता याह्या सिनवार को ढूंढ़ रहा था। लेकिन अचानक ऐसी घटना हुई जिस पर यकीन करना मुश्किल है। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस अजीब से संयोग को लेकर बातें भी करनी शुरू कर दी हैं। दरअसल, १६ अक्टूबर को भारत में तैनात इजरायल के राजदूत रूबैन अजार ने ट्वीट करके कहा कि मैं अयोध्या में श्री राममंदिर के दर्शन करके अत्यंत सम्मानित महसूस कर रहा हूँ। यह पवित्र स्थल भारत की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है। यहाँ दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों और भक्तों की भक्ति ने मुझे बहुत प्रभावित किया। इज़राइल और भारत दोनों के लोगों ने कई चुनौतियों के बावजूद पीढ़ियों से अपने प्राचीन आस्था और संस्कृति को संरक्षित रखा है। राम मंदिर में पूजा करने के अगले ही दिन यानी १७ अक्टूबर को इन्हीं रूबैन अजार ने एक और होश उड़ाने वाली जानकारी दी।रूबैन अजार ने बताया कि इजरायल ने अपने सबसे बड़े दुश्मन याह्या सिनवार को खत्म कर दिया है। सोशल मीडिया पर लोगों ने कहा कि इजरायल ने जैसे ही राम मंदिर में पूजा अर्चना की उसके अगले ही दिन हमास पर बड़ी जीत हासिल कर ली। वैसे इस शिकार से पहले दो इजरायली सैनिकों का शंखनाद भी वायरल हो रहा है। इन दोनों इजरायली सैनिकों ने अपनी पूरी सेना के लिए शंखनाद किया ताकी वो हर मिशन में विजयी हो जाए। बहरहाल इजरायल ने जानकारी दी है कि उसने हमास को लगभग खत्म कर दिया है। हमास ने पुष्टि की कि उसका नेता याह्या सिनवार गाजा में इजराइली बलों के हमले में मारा गया है। साथ ही चरमपंथी संगठन ने अपना यह रुख दोहराया कि एक साल पहले इजराइल से बंधक बनाए गए लोगों को तब तक नहीं छोड़ा जाएगा जब तक गाजा में संघर्ष विराम नहीं होता और इजराइली सैनिकों की वापसी नहीं होती। इससे एक दिन पहले इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक बयान में कहा कि जब तक बंधकों को रिहा नहीं किया जाता तब तक देश की सेना लड़ती रहेगी और हमास को कमजोर करने के लिए गाजा में तैनात रहेगी। दोनों पक्षों का यह रुख इस बात का संकेत देता है कि दोनों ही संघर्ष को समाप्त करने के करीब नहीं हैं।

