वाराणसी में शुरू हुई जगन्नाथ रथयात्रा: 56 भोग, मंगला आरती और श्रद्धालुओं का सैलाब

वाराणसी, जनमुख न्यूज़। काशी में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा का भव्य श्रृंगार कर गुरुवार भोर में उन्हें रथ पर विराजमान कराया गया। मंगला आरती के साथ ही तीन दिवसीय जगन्नाथ रथ यात्रा मेले की शुरुआत हो गई। धार्मिक मान्यता है कि रथ पर विराजे प्रभु के दर्शन मात्र से सभी कष्टों का निवारण हो जाता है।
आरती के दौरान भगवान को 56 प्रकार के भोग अर्पित किए गए। इस रथयात्रा में प्रतिदिन एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं की उपस्थिति दर्ज होती है। मेले में ग्रामीण संस्कृति की झलक भी देखने को मिलती है—जहाँ चरखी, खिलौनों की दुकानें, ननखटाई और बिस्कुट के स्टॉल लोगों को आकर्षित करते हैं।
शाम होते ही श्रद्धालुओं की भीड़ और बढ़ जाती है। हर दिन प्रभु जगन्नाथ का रथ आगे खींचा जाता है और भोर में आरती होती है। एक मान्यता के अनुसार, भगवान रथ यात्रा से 15 दिन पूर्व स्नान कराने के बाद अस्वस्थ हो जाते हैं, जिस कारण उस अवधि में उनके दर्शन नहीं होते। इन दिनों उनके स्वास्थ्य लाभ हेतु उन्हें औषधीय काढ़ा भोग रूप में अर्पित किया जाता है।
26 जून को भगवान जगन्नाथ की पालकी यात्रा अस्सी स्थित मंदिर से नगर भ्रमण पर निकलती है। इसके बाद बेनीराम स्थान पर रात्रि विश्राम होता है। फिर 27 जून से 29 जून तक रथ यात्रा मेला श्रद्धा और भक्ति के माहौल में आयोजित किया जाता है।




