अपने अधिकारों की मांग के लिए LGBTQ+ ने निकाला क्वीयर प्राइड मार्च

वाराणसी, जनमुख न्यूज। वाराणसी में रविवार को ऐतिहासिक क्वीयर प्राइड मार्च का आयोजन किया गया। मार्च में समलैंगिकता और लैंगिक समानता के प्रति समर्थन व्यक्त करते हुए सैकड़ों लोग सड़कों पर उतरे। इस क्वीयर मार्च का उद्देश्य समाज में समावेशिता, समान अधिकारों और प्रेम की स्वतंत्रता को बढ़ावा देना था।
सिगरा वाराणसी में आयोजित इस वर्ष के क्वीयर प्राइड मार्च का थीम था: ‘समानता, सम्मान और स्वतंत्रता’। इस आयोजन में न केवल LGBTQ+ समुदाय के लोग शामिल हुए, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया, जिससे यह संदेश दिया गया कि हर व्यक्ति को बिना किसी भेदभाव के जीने का अधिकार है। बिहार से आए तन्मय ने कहा कि क्वीयर समुदाय के लिए एक आंदोलन जिसमें हम देश के तमाम विषयों को पितृसत्तात्मक समाज, शिक्षा, स्वास्थ, रोज़गार, किसान, मजदूर सभी मुद्दों को उजागर कर रहे हैं और इंसानियत की लड़ाई को बचाने का आंदोलन चलता रहेगा।
मार्च में लोगों ने रंग-बिरंगे झंडे और पोस्टर के साथ शांति और समानता के प्रतीक संदेश दिए। इस अवसर पर कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई और लैंगिक अधिकारों के समर्थन में एकजुटता में आवाज उठाई।
बनारस क्वीयर गर्व मार्च के नीति ने बताया कि यह आयोजन एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे हम समाज में बदलाव की दिशा में एक सकारात्मक पहल कर सकते हैं। यह न केवल LGBTQ+ समुदाय के लोगों के लिए, बल्कि समग्र समाज के लिए एक संदेश है कि प्रेम, समानता और सम्मान सभी के लिए होना चाहिए।
इस अवसर पर आरोही ने सरकार और अन्य संबंधित अधिकारियों से अपील की कि वे समानता के अधिकारों के संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाएं और थ्उँऊैं+ समुदाय के लिए एक सुरक्षित और समावेशी समाज बनाने के लिए काम करें। सेम सेक्स मैरिज पर भी सकारात्मक दृष्टि से सोचने की जरूरत है।
आयोजन से जुड़े एक कार्यकर्ता ने कहा कि मैं समलैंगिक हूं। मैं अपने घर पर खुद को व्यक्त नहीं कर सकता। यंहा आज प्राइड में मैं खुद को वैसा ही महसूस कर रहा , जैसा मैं वास्तव में हूं। मेरे लिए यह पहचान बहुत मायने रखती है। यह बहुत ही सुकून भरा सहज वातावरण है। मेरे आस-पास मेरे जैसे लोग है।
वाराणसी के गर्व मार्च का आयोजन एक नई उम्मीद और प्रेरणा का प्रतीक बन चुका है, जो समाज में बदलाव की ओर एक मजबूत कदम बढ़ा रहा है।
मार्च में मुख्य रूप से नीति, आरोही, इंदु, आर्या, कबीर, तनमय, श्रुति, नैनश्री, परीक्षित, दीक्षा, शिवांगी, सैम, हेतवी ज्योति, मैत्री, दीपक पुजारी, मूसा आज़मी, साहिल, आदि सैकड़ों लोग शामिल रहे ।

