Mahakumbh 2025: नहाने लायक नहीं है संगम का पानी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट से हड़कंप

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज़। महाकुंभ के आयोजन के दौरान किए गए तमाम सरकारी दावों की धीरे- धीरे कलई खुलने लगी है। सरकार द्वारा महाकुंभ के दौरान संगम में प्रवाह और जलस्तर बेहतर करने का दावा किया गया था, ताकि श्रद्धालुओं को स्नान के स्वच्छ जल मिल सके। लेकिन अब केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार महाकुंभ के दौरान संगम का जल प्रदूषित है वह भी इतना ज्यादा कि स्नान करने योग्य भी नहीं है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की एक रिपोर्ट के माध्यम से सोमवार को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को सूचित किया गया कि प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान विभिन्न स्थानों पर अपशिष्ट जल का स्तर स्नान के लिए प्राथमिक जल गुणवत्ता के अनुरूप नहीं है। सीपीसीबी के अनुसार, अपशिष्ट जल संदूषण के सूचक ‘फेकल कोलीफॉर्म’ की स्वीकार्य सीमा 2,500 यूनिट प्रति 100 एमएल है।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल की पीठ के समक्ष सीपीसीबी ने तीन फरवरी को यह रिपोर्ट दाखिल की थी, जिसमें कुछ गैर-अनुपालन या उल्लंघनों की ओर इशारा किया गया। पीठ प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों में अपशिष्ट जल के बहाव को रोकने के मुद्दे पर सुनवाई कर रही थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नदी के पानी की गुणवत्ता विभिन्न अवसरों पर सभी निगरानी स्थानों पर अपशिष्ट जल ‘फेकल कोलीफॉर्म’ के संबंध में स्नान के लिए प्राथमिक जल गुणवत्ता के अनुरूप नहीं थी। प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान बड़ी संख्या में लोग नदी में स्नान करते हैं, जिसमें अपशिष्ट जल की सांद्रता में वृद्धि होती है। बोर्ड के अधिकारियों ने स्नान के मुख्य घाटों से लेकर कुल 72 स्थानों से लिए गए पानी के सैंपल की जांच की और परिणाम एक ही रहा। पीठ ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण की कार्यशैली पर नाराजगी जाहिर की है। पीठ ने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने समग्र कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने के एनजीटी के पूर्व के निर्देश का अनुपालन नहीं किया है।
पीठ ने कहा उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव और प्रयागराज में गंगा नदी में पानी की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए जिम्मेदार संबंधित राज्य प्राधिकारी को 19 फरवरी को होने वाली अगली सुनवाई में डिजिटल तरीके से उपस्थित होने का निर्देश दिया जाता है। अब सबकी इस मामले पर बुधवार को होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं।

