13 साल से फरार 50 हजार का इनामी माओवादी सीताराम काशी स्टेशन से गिरफ्तार

वाराणसी, जनमुख न्यूज़। उत्तर प्रदेश एटीएस ने सोमवार को बड़ी सफलता हासिल करते हुए काशी रेलवे स्टेशन से 13 साल से वांछित सीपीआई (माओवादी) के सक्रिय सदस्य और 50 हजार रुपये के इनामी सीताराम उर्फ विनय उर्फ ओमप्रकाश को गिरफ्तार कर लिया। वह कई नक्सली घटनाओं में शामिल रहा है और लंबे समय से फरार चल रहा था।
बलिया जिले के मनियर थाना क्षेत्र के मुडि़यारी गांव निवासी सीताराम भेष और नाम बदलकर अलग-अलग जगहों पर छिपकर रह रहा था। उसके खिलाफ उत्तर प्रदेश के साथ-साथ बिहार के कई थानों में बैंक डकैती, हत्या और अन्य गंभीर अपराधों से जुड़ी कुल पांच प्राथमिकी दर्ज हैं।
एटीएस अधिकारियों के मुताबिक 21 सितंबर 2004 को माओइस्ट कम्युनिस्ट सेंटर (एमसीसी) और पीपुल्स वार ग्रुप (पीडब्ल्यूजी) के विलय के बाद गठित सीपीआई (माओवादी) की पार्टी बैठक में भी सीताराम शामिल हुआ था। उसे संगठन के जन आंदोलन और विस्तार की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उसकी बैठकों में शहरी इलाकों में सक्रिय ओवर ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) भी शामिल रहते थे।
पूछताछ में सामने आया कि सीताराम ने वर्ष 1986 में घर छोड़ दिया था और माले संगठन से जुड़ गया था। 1990 में वह सेंट्रल कमेटी के तहत जोनल सेक्रेटरी बना। एटीएस के अनुसार 2012 में बलिया के सहतवार थाना क्षेत्र के अतरडरिया गांव में ग्राम प्रधान मुसाफिर चौहान की पत्नी फूलमति की हत्या में उसकी अहम भूमिका थी। प्रधान पर मुखबिरी का शक था और उसकी हत्या की भी योजना बनाई गई थी, लेकिन वह बच निकला। इसी मामले में आजमगढ़ रेंज के तत्कालीन डीआईजी ने सीताराम पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था।
इसके अलावा 15 अगस्त 2023 को वह अपने प्रमुख साथियों तारा देवी, लल्लू राम, सत्य प्रकाश वर्मा, राम मूरति और विनोद साहनी के साथ बैठक कर रहा था। उस दौरान उसके साथी गिरफ्तार कर लिए गए थे और उनके पास से नक्सली साहित्य व असलहे बरामद हुए थे, जबकि सीताराम फरार हो गया था।
सीताराम के खिलाफ लखनऊ एटीएस थाने में दर्ज प्राथमिकी की जांच फिलहाल एनआईए कर रही है। इसके अलावा बिहार के मुजफ्फरपुर, बांका और सीतामढ़ी जिलों में भी उस पर बैंक डकैती, हत्या, मारपीट और अवैध हथियार रखने के मामले दर्ज हैं।

