रुपए के अवमूल्यन पर मायावती का केंद्र पर निशाना: कहा, अब यह आर्थिक नहीं बल्कि जनहित का मुद्दा

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज़। बसपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रुपये के लगातार हो रहे अवमूल्यन पर केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि यह मामला अब केवल आर्थिक नहीं रहा, बल्कि देश और जनहित से सीधे जुड़ा हुआ है। ऐसे में सरकार को सिर्फ आर्थिक सलाहकारों पर निर्भर रहने के बजाय स्वयं गंभीर होकर ठोस समाधान निकालना चाहिए।
मायावती शनिवार को नई दिल्ली में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित कर रही थीं।
उन्होंने कहा कि बसपा लगातार इस बात को लेकर चिंतित है कि देश के करोड़ों शोषित—पीड़ित दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों के लोगों के “अच्छे दिन” अब तक क्यों नहीं आए, जबकि डॉ. आंबेडकर ने इनके अधिकारों के लिए जीवनभर संघर्ष किया।
मायावती ने आरोप लगाया कि जातिवादी पार्टियों के शासन में मेहनतकश बहुजनों को बेहतर जीवन मिल पाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि बसपा सत्ता की “मास्टर चाबी” हासिल करने के लिए संघर्षरत है, लेकिन विरोधी साम-दाम-दंड-भेद जैसे हथकंडों से बहुजन समाज को शासक वर्ग बनने से रोकने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने बहुजन मतदाताओं से वोट की ताकत पहचानने और उसकी रक्षा करने की अपील की। साथ ही चुनाव आयोग द्वारा कराए जा रहे वोटर लिस्ट के सघन पुनरीक्षण (SIR) को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए इसमें पूरी जागरूकता के साथ शामिल होने को कहा।
अंत में मायावती ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में डॉ. आंबेडकर के बताए रास्तों पर चलना समय की सबसे बड़ी जरूरत है।

