नेतन्याहू के प्लेन को निशाना बनाकर दागी मिसाइल

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज । पूरा पश्चिम एशिया धीरे धीरे जंग की चपेट में आता जा रहा है। ऐसे समय में जब इज़राइल रक्षा बल (आईडीएफ) लेबनान पर हमले कर रहे हैं। इन सब के बीच इजरायल ने यमन पर हमला शुरू कर दिया है। लेबनानी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि हूती के ठिकानों पर किए गए हमले में १०० से अधिक लोग मारे गए हैं। इजराइली सेना ने कहा है कि इजराइल पर हाल ही में हुए हमले के जवाब में दर्जनों विमानों ने यमन में हूतियों के ठिकानों पर हमले किए हैं। सेना ने कहा कि उसने होदेदा शहर में बिजली संयंत्रों और समुद्री बंदरगाह सुविधाओं को निशाना बनाया। हूतियों ने बेन गुरियन हवाई अड्डे पर बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया था। यह हमला तब हुआ था जब इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू वहां पहुंच रहे थे।इजराइल के अनुसार, रविवार को किए गए हमले, इजराइल पर मिसाइल अटैक का जवाब था। आईडीएफ ने तब कहा था कि उसने मध्य में लॉन्च की गई सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल को रोक दिया था। यमन के हूतियों ने भी कहा कि उन्होंने इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के आगमन के बीच तेल अवीव के बेन गुरियन हवाई अड्डे पर एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी गई थी। इजरायली सेना ने कहा कि लड़ाकू विमानों सहित दर्जनों विमानों ने रास ईसा और होदेइदाह बंदरगाहों पर बिजली संयंत्रों और समुद्री बंदरगाह सुविधाओं पर हमला किया। इज़राइल के हमले में एक बंदरगाह कर्मचारी और तीन इलेक्ट्रिक इंजीनियर सहित चार लोग मारे गए हैं।यमन के शिया मुस्लिम अल्पसंख्यक, ज़ैदीस से बना एक सशस्त्र राजनीतिक और धार्मिक समूह हैं। अल्मा रिसर्च एंड एजुकेशन सेंटर के अनुसार, हाउथिस ने अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए २०१० की शुरुआत में अरब स्प्रिंग की गति का फायदा उठाया और २०१४ के अंत तक, उन्होंने यमन की राजधानी सना पर नियंत्रण कर लिया और फरवरी २०१५ तक उन्होंने नियंत्रण की घोषणा कर दी।

