मॉफिया डॉन बृजेश सिंह की मुश्किलें बढ़ी, दोषमुक्ति केस की अब सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

वाराणसी, जनमुख न्यूज। मॉफिया डॉन पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ सकती हैं। ३९ साल पुराने सिकरौरा नरसंहार कांड में दोषमुक्ति पर अब सुप्रीमकोर्ट सुनवाई करेगा। उनके खिलाफ पीड़िता की याचिका पर सुप्रीमकोर्ट ने पत्रावली तलब कर ली है।
सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने मूल रिकॉर्ड इलाहाबाद उच्च न्यायालय और सत्र न्यायालय से यथासंभव सुरक्षित करने का आदेश दिया है। साथ ही शीर्ष अदालत ने केस की सुनवाई में तेजी लाने की बात कही है। मालूम हो कि वाराणसी जिला कोर्ट ने २०१८ में बृजेश सिंह सहित १३ आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया था।
उल्लेखनीय है कि चंदौली के बलुआ थाना क्षेत्र के सिकरौरा गांव में ९ अप्रैल १९८६ की रात तत्कालीन ग्राम प्रधान रामचंद्र यादव, उनके चार मासूम बच्चों मदन, उमेश, टुनटुन व प्रमोद और दो भाइयों रामजन्म व सियाराम की नृशंस तरीके से हत्या कर दी गई थी। केस में मुख्य आरोपी बृजेश सिंह सत्र न्यायालय ने १६ अगस्त २०१८ को दोष मुक्त कर दिया। केस में १२ अन्य आरोपी भी दोषमुक्त कर दिए गए थे। हत्याकांड में जजमेंट के बाद रामचंद्र यादव की पत्नी हीरावती देवी ने सत्र न्यायालय के आदेश के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी। इसके बाद पीड़िता को इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली।
हाईकोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति अजय न्यायालय का आदेश बरकरार रखा था। वहीं, चार आरोपियों पंचम सिंह, वकील सिंह, राकेश सिंह और देवेंद्र सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
हीरावती देवी ने सत्र न्यायालय के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की और आरोपियों की दोषमुक्ति रद करते हुए सजा की गुहार लगाई। इसमें बृजेश सिंह, रामदास उर्फ दीना, नरेंद्र सिंह उर्फ मामा और विजयी सिंह की दोषमुक्ति के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील को स्वीकारते हुए केस में फिर सुनवाई की बात कही।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के दौरान ही केस में सजा पाए आरोपी पंचम सहित चारों दोषियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी। साथ ही हीरावती देवी की अपील को स्वीकार करते हुए बाहुबली बृजेश सिंह सहित सभी अन्य आरोपियों की दोषमुक्ति के खिलाफ सुनवाई का आदेश जारी किया।

