गोरखपुर के पडरौना को नई रेल सौगात,12 दिसंबर 2025 से दौड़ेगी नई छपरा–अमृतसर एक्सप्रेस

गोरखपुर, जनमुख न्यूज़। केन्द्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में बताया कि पडरौना पहले से ही गोरखपुर जंक्शन और थावे जंक्शन के माध्यम से राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जुड़ा हुआ है, जहां वर्तमान में 4 जोड़ी मेल/एक्सप्रेस तथा 4 जोड़ी पैसेंजर रेलगाड़ियां संचालित हो रही हैं, जो दिल्ली, लखनऊ, गोरखपुर, कानपुर, मथुरा, जयपुर, अजमेर, अहमदाबाद और पटना जैसे प्रमुख शहरों से जोड़ती हैं। यात्रियों की लंबे समय से चली आ रही मांग को ध्यान में रखते हुए 12 दिसंबर 2025 से 15135/36 छपरा–अमृतसर एक्सप्रेस का पडरौना में ठहराव शुरू किया जा रहा है। इसके साथ ही क्षेत्र की रेल कनेक्टिविटी को और मजबूत करने के लिए गोरखपुर–वाल्मिकीनगर दोहरीकरण (96 किमी) और छितौनी–तमकुही रोड नई रेल लाइन (63 किमी) जैसी बड़ी परियोजनाएं भी स्वीकृत की गई हैं।
रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्य सभा में जानकारी दी कि वित्त वर्ष 2020-21 से 2025-26 के दौरान भारतीय रेल पर कुल 2,617 किलोमीटर लंबाई की 21 मीटर गेज से ब्रॉड गेज रूपांतरण परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं, जिनकी अनुमानित लागत लगभग ₹19,485 करोड़ है। इसके अलावा, क्षेत्रीय संपर्क और जिला मुख्यालयों को महानगरों से जोड़ने के उद्देश्य से 755 किलोमीटर लंबाई की 18 अतिरिक्त ब्रॉड गेज परियोजनाएं भी स्वीकृत की गई हैं, जिनकी लागत ₹8,273 करोड़ है।
इन परियोजनाओं से देशभर में रेल संपर्क, यात्री सुविधा और माल ढुलाई क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्य सभा में जानकारी दी कि वित्त वर्ष 2020-21 से 2025-26 के दौरान भारतीय रेल पर कुल 2,617 किलोमीटर लंबाई की 21 मीटर गेज से ब्रॉड गेज रूपांतरण परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं, जिनकी अनुमानित लागत लगभग ₹19,485 करोड़ है। इसके अलावा, क्षेत्रीय संपर्क और जिला मुख्यालयों को महानगरों से जोड़ने के उद्देश्य से 755 किलोमीटर लंबाई की 18 अतिरिक्त ब्रॉड गेज परियोजनाएं भी स्वीकृत की गई हैं, जिनकी लागत ₹8,273 करोड़ है।
इन परियोजनाओं से देशभर में रेल संपर्क, यात्री सुविधा और माल ढुलाई क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश में रेलवे अवसंरचना विकास को अभूतपूर्व गति मिली है। वर्ष 2009-14 में जहां औसतन ₹1,109 करोड़ प्रतिवर्ष का बजट आवंटन था, वहीं वर्ष 2025-26 में यह बढ़कर ₹19,858 करोड़ तक पहुंच गया है, जो लगभग 18 गुना वृद्धि को दर्शाता है।
नए रेलपथ निर्माण की गति भी दोगुने से अधिक हो गई है—2009-14 में जहां 996 किमी रेललाइन (199 किमी प्रतिवर्ष) कमीशन हुई थी, वहीं 2014-25 के दौरान 5,272 किमी रेललाइन (औसतन 479 किमी प्रतिवर्ष) कमीशन की गई। इसके अलावा, 1 अप्रैल 2025 तक राज्य में 49 रेलवे परियोजनाएं ₹62,360 करोड़ की लागत से स्वीकृत की जा चुकी हैं, जिनमें से 1,323 किमी लंबाई की रेललाइन चालू हो चुकी है और ₹30,611 करोड़ खर्च किए जा चुके हैं।

