अब वेटिंग टिकट पर स्लीपर और एसी कोच में सफर नहीं! रेलवे के नए नियम आज से लागू

नई दिल्ली जनमुख न्यूज़। अगर आप अक्सर ट्रेन से यात्रा करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। भारतीय रेलवे ने 1 मई से ट्रेन टिकटों से जुड़े कुछ अहम नियमों में बदलाव किया है। नए नियमों के अनुसार अब वेटिंग टिकट सिर्फ जनरल कोच में ही मान्य होगा। यानी अब यदि किसी यात्री के पास वेटिंग टिकट है, तो वह स्लीपर या एसी कोच में यात्रा नहीं कर पाएगा।
रेलवे का यह फैसला यात्रियों की सुविधा और ट्रेन में अनुशासन बनाए रखने के लिए लिया गया है। अब अगर कोई यात्री वेटिंग टिकट के साथ स्लीपर या एसी कोच में पाया गया, तो टीटीई उस पर जुर्माना लगा सकता है या उसे जनरल कोच में भेज सकता है।
ऑनलाइन टिकट का नियम भी बदला
आईआरसीटीसी के जरिए बुक की गई टिकट अगर कंफर्म नहीं होती, तो वह स्वतः कैंसिल हो जाती है और यात्री को यात्रा की अनुमति नहीं मिलती। लेकिन काउंटर टिकट या बिना टिकट यात्रा करने वालों पर अब सख्ती की जाएगी।
क्यों लिया गया ये फैसला?
अक्सर देखा जाता है कि वेटिंग टिकट वाले यात्री जबरदस्ती स्लीपर या एसी कोच में घुस जाते हैं और कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों की सीट पर बैठने की कोशिश करते हैं, जिससे अव्यवस्था और परेशानी बढ़ती है। अब नए नियम से ऐसी समस्याओं पर रोक लगेगी।
जुर्माना कितना देना होगा?
स्लीपर कोच में वेटिंग टिकट के साथ यात्रा करते पकड़े जाने पर 250 रुपये जुर्माना और यात्रा का पूरा किराया वसूला जाएगा।
एसी कोच (थर्ड या सेकंड) में पकड़े जाने पर 440 रुपये तक जुर्माना, यात्रा का किराया और अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
टीटीई को यह अधिकार होगा कि वह यात्री को जनरल कोच में भेज दे या अगले स्टेशन पर उतार दे।
फर्स्ट क्लास या बिना टिकट यात्रा करने पर 1000 रुपये तक जुर्माना और छह महीने की जेल भी हो सकती है।
एडवांस टिकट बुकिंग की अवधि भी बदली
रेलवे ने एडवांस रिजर्वेशन पीरियड को 120 दिन से घटाकर 60 दिन कर दिया है। यानी अब यात्री केवल दो महीने पहले ही अपनी यात्रा के लिए टिकट बुक कर सकेंगे। रेलवे का मानना है कि इससे बुकिंग प्रणाली और यात्रा प्रबंधन में सुधार आएगा।

