वक्फ बिल पर संसद में हंगामा, विपक्ष ने किया वॉकआउट

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज। वक्फ (संशोधन) विधेयक पर जेपीसी रिपोर्ट निचले सदन में पेश किए जाने के बाद विपक्षी सांसदों ने लोकसभा से वॉकआउट किया। लोकसभा को १० मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
उधर वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट राज्यसभा में पेश किए जाने के बाद विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने दावा किया कि इसमें से असहमति वाली टिप्पणियों को हटा दिया गया है। इसे निंदनीय और लोकतंत्र विरोधी बताते हुए खड़गे ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से रिपोर्ट को खारिज करने और वापस भेजने का आग्रह किया। खड़गे ने कहा कि वक्फ बोर्ड पर जेपीसी की रिपोर्ट में कई सदस्यों की असहमति रिपोर्ट है। उन नोट्स को हटाना और हमारे विचारों पर बुलडोजर चलाना सही नहीं है। यह लोकतंत्र विरोधी है। मैं असहमति रिपोर्ट को हटाकर पेश की गई किसी भी रिपोर्ट की निंदा करता हूं। हम ऐसी फर्जी रिपोर्ट को कभी स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर रिपोर्ट में असहमति के विचार नहीं हैं, तो इसे वापस भेजा जाना चाहिए और फिर से पेश किया जाना चाहिए।
हंगामे के बीच राज्यसभा सभापति ने कहा कि जेपीसी रिपोर्ट से कोई असहमति नोट नहीं हटाया गया। तीखी बहस के दौरान केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने विपक्ष पर सदन को गुमराह करने और संसदीय कार्यवाही बाधित करने का आरोप लगाया। रिजिजू ने जोर देकर कहा, ‘विपक्ष को सदन को गुमराह नहीं करना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि मैंने विपक्ष द्वारा उठाई गई चिंताओं की जाँच की है। रिपोर्ट में कोई विलोपन या निष्कासन नहीं है। सब कुछ सदन के पटल पर है।
वहीं लोकसभा में रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद विपक्षी सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। इससे पहले वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार करने वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट बृहस्पतिवार को लोकसभा के पटल पर रखी गई। हालांकि, विपक्षी सदस्यों का भारी हंगामा जारी रहा। समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने रिपोर्ट को सदन के पटल पर रखा। साथ ही, उन्होंने समिति के समक्ष आए साक्ष्यों का रिकॉर्ड भी सदन में रखा। विपक्षी सदस्यों का आरोप है कि उनकी असहमति को रिपोर्ट के साथ संलग्न नहीं किया गया है। इसको लेकर अमित शाह ने भी एक बयान दिया।
अमित शाह ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से आग्रह किया कि वह विपक्ष की आपत्तियों को जोड़ सकते हैं और इस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के कुछ सदस्यों ने चिंता जताई है कि (वक्फ जेपीसी रिपोर्ट में) उनके विचारों को पूरी तरह से शामिल नहीं किया गया है। मैं अपनी पार्टी की ओर से कहना चाहता हूं कि विपक्ष की चिंताओं को देखते हुए कुछ भी जोड़ा जा सकता है, मेरी पार्टी को कोई आपत्ति नहीं है।
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवसी ने कहा कि यह बिल न केवल असंवैधानिक है और संविधान के अनुच्छेद १४, १५ और २९ का उल्लंघन करता है, यह वक्फ को बचाने के लिए नहीं बल्कि इसे बर्बाद करने और मुसलमानों से छीनने के लिए है। हम इस विधेयक की निंदा करते हैं। अध्यक्ष ने आश्वासन दिया है कि ७०प्रतिशत सांसदों की असहमति रिपोर्टों के संशोधित संस्करण शामिल किए जाएंगे। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि ६५५ पेज की रिपोर्ट पढ़ने के लिए एक रात। उन्होंने कहा कि हमारे पास अपनी आपत्तियाँ प्रस्तुत करने के लिए बहुत ही कम समय था। अगर आप बैठकों के ब्योरे की जांच करेंगे तो पाएंगे कि क्लॉज दर क्लॉज पर कोई चर्चा नहीं हुई। हम सभी कई जेपीसी का हिस्सा रहे हैं, और क्लॉज दर क्लॉज चर्चा सबसे महत्वपूर्ण है, लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया गया। चेयरमैन किसके प्रभाव में काम कर रहे हैं? इसके विरोध में आज हमने वॉकआउट किया।
विपक्ष और भाजपा सांसदों वाली जेपीसी समिति ने ३० जनवरी को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी और समिति ने मसौदा विधेयक पर रिपोर्ट को १५-११ बहुमत से स्वीकार कर लिया था।

