हमेशा साम्प्रदायिक राजनीति की मुखालफत करते रहे पंडित कमलापति त्रिपाठी

वाराणसी, जनमुख न्यूज।पं.कमलापति त्रिपाठी धर्मनिरपेक्षता को लोकतंत्र की कसौटी मानते थे। उनका मानना था कि साम्प्रदायिक राजनीति हमेशा लोकतंत्र को आहत कर फासिस्ट राजनीति का मार्ग प्रशस्त करती है। ऐसे खतरों के विरुद्ध उन्होंने साढ़े तीन दशक से से भी पहले देश को आगाह करते हुये, उनके मुकाबले के लिये कांग्रेस और लोकतंत्र में विश्वास रखने वाली सभी वामपंथी समाजवादी शक्तियों की एकजुटता की वकालत की थी। उक्त आशय के विचार आज पं. कमलापति त्रिपाठी कि ११९वीं जयंती पर इंग्लिसिया लाइन में पं.कमलापति त्रिपाठी फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी में वक्ताओं ने प्रकट किये। विजय शंकर पाण्डेय की अध्यक्षता में सम्पन्न उक्त संगोष्ठी को मुख्य रूप से सम्बोधित करने वालों में सर्वश्री प्रो. सतीश कुमार राय, डा.मो.आरिफ, ए.के.लारी एवं वैभव त्रिपाठी जहां शामिल थे, वहीं बैजनाथ सिंह ने संयोजन किया उक्त संगोष्ठी से पूर्व पूर्वाह्न १० बजे इंग्लिशिया लाइन स्थित पं. कमलापति त्रिपाठी प्रतिमा पर पुष्पांजलि कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी। पुष्पांजलि एवं संगोष्ठी के कार्यक्रमों के अवसर पर प्रमुख रूप से श्री ललितेशपति , त्रिपाठी विजय शंकर पाण्डेय, प्रो.सतीश राय, प्रो.अनिल उपाध्याय, प्रजा नाथ शर्मा, ए.के. लारी, बैजनाथ सिंह, प्रतिमा स्मारक समिति अध्यक्ष विजय शंकर मेहता, डा. आरिफ, भूपेंद्र प्रताप सिंह, राजेन्द्र तिवारी, मनोज चौबे, वैभव त्रिपाठी, डा. जितेन्द्र से’, राजेन्द्र जायसवाल, विजय कृष्ण अन्नू, कमलाकांत पाण्डेय, प्रमोद श्रीवास्तव, उदय सिंह, विपिन कुमार मेहता, अशोक पाण्डेय, पवन खन्ना पैली, बब्लू बिन्द, इम्तियाज अहमद आदि। पुष्पांजलि कार्यक्रम का आयोजन कमलापति त्रिपाठी प्रतिमा स्मारक समिति द्वारा किया गया। त्रिपाठी परिवार के दो प्रमुख सदस्यों के विगत दिनों हुते अप्रत्याशित निधन के शोक की पृष्ठभूमि में आज के दिन कमलापति त्रिपाठी फाउंडेशन द्वारा हर वर्ष आयोजित होने वाला पं.कमलापति त्रिपाठी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं साहित्य पुरस्कार समारोह स्थगित कर दिया गया था।

