नागनथैया की लीला देखने उमड़ी काशी की जनता

वाराणसी,जनमुख न्यूज। दुनिया की प्राचीनतम नगरी काशी की परंपराएं कालखंड के साथ अब भी जीवंत हैं। गोस्वामी तुलसीदास की इस लीला को देखने के लिए अकबर भी काशी आया था। इसके प्रमाण उस काल खंड की दुर्लभ तस्वीर से मिलते हैं। इस नायाब कलाकृति को तुलसीघाट के संग्रहालय में भी रखा गया है।उदयपुर के संग्रहालय में मौजूद ऐतिहासिक तस्वीर की मूल प्रति लंदन विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर और बुडापेस्ट में गठित तुलसी मंडली के डायरेक्टर डॉ. इमरे बग्घा ने दी थी, जो अब सार्वजनिक हुई। गोस्वामी तुलसीदास द्वारा शुरू की गई श्रीकृष्ण लीला के तहत कार्तिक शुक्ल पंचमी को होने वाली नागनथैया को देखने के लिए काशी की जनता उमड़ती है। मंगलवार को तुलसीघाट पर भोर से ही लीला की शुरुआत कदंब की डाल लगाने से हो गई थी। सूर्य की पहली किरण के साथ ही संकटमोचन मंदिर परिसर से कदंब की डाल काटकर लीला स्थल पर लाई जाएगी। पूजा के बाद इसे गंगा के तट पर लगा दिया जाएगा। इसी डाल पर भगवान श्रीकृष्ण भक्तों को दर्शन देने के बाद शाम ४:४० बजे गंगा रूपी यमुना में छलांग लगाएंगे। फिर ४:४५ बजे कालिया नाग पर सवार होकर भक्तों को दर्शन देंगे।काशी के लक्खा मेले मे शुमार नाथनथैया की तैयारियां सोमवार को तुलसीघाट कालिया नाग का भी रंग रोगन किया ्रगया है और फन को रंगो से सजाया गया।

