राहुल ने फिर उठाया महाराष्ट्र चुनाव में धांधली का मुद्दा, कहा- चुनाव आयोग नहीं दे रहा सवालों के जवाब

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज। कांग्रेस सांसद और लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले और उद्धव ठाकरे की शिवसेना के सांसद संजय राउत ने आज एक बार पत्रकार वार्ता के जरिए महाराष्ट्र चुनाव में धांधली का मुद्दा उठाया। कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित इस पत्रकार वार्ता में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मतदाता सूची में गड़बड़ी का मुद्दा एक बार फिर उठाते हुए चुनाव आयोग से जवाब मांगा।
राहुल गांधी ने कहा कि हमें विधानसभा चुनाव में कई अनियमितताएं मिली हैं। हम चुनाव आयोग से कह रहे हैं कि हमें गड़बड़ी मिल रही है। हमें महाराष्ट्र के मतदाताओं के नाम और पते वाली मतदाता सूची चाहिए। हमें लोकसभा चुनाव की मतदाता सूची चाहिए। हमें विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची चाहिए। हम यह समझना चाहते हैं कि ये नए नाम कौन-कौन से हैं। बहुत सारे मतदाता हैं, जिनके नाम हटा दिए गए हैं। एक बूथ के मतदाता दूसरे बूथ पर स्थानांतरित कर दिए गए हैं। इनमें से ज्यादातर मतदाता दलित समुदायों, आदिवासी समुदायों और अल्पसंख्यक समुदायों से आते हैं। राहुल गांधी ने कहा कि लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के दौरान ३९ लाख वोटर बढ़ गए और यह सारे वोट बीजेपी को गए। इसलिए हम केन्द्रीयकृत मतदाता सूची मांग रहे हैं। हमने चुनाव आयोग से बार-बार अनुरोध किया है। उन्होंने हमें कोई जवाब नहीं दिया है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में विधानसभा २०१९ और लोकसभा २०२४ के बीच पांच साल में ३२ लाख नए मतदाता जोड़े गए। लोकसभा २०२४ और विधानसभा २०२४ के बीच ५ महीने में ३९ लाख नए मतदाता जोड़े गए। सवाल ये है कि ५ महीने के अंदर पिछले ५ साल से ज्यादा मतदाता कैसे जोड़े गए? यह हिमाचल प्रदेश के कुल मतदाताओं के बराबर है। दूसरा मुद्दा यह है कि महाराष्ट्र में राज्य सरकार द्वारा दिए गए जनसंख्या के आंकड़े से ज्यादा मतदाता चुनाव आयोग बता रहा है। ऐसे में पूरी मतदाता आबादी से ज्यादा मतदाता क्यों हैं? किसी तरह से अचानक ही महाराष्ट्र में मतदाता बनाए गए हैं।’
राहुल गांधी ने कहा कि हमें दो चीजों के बीच अंतर समझने की जरूरत है। एक हैं अटकलें और दूसरा है तथ्य। मैंने यहां कोई अटकलें नहीं लगाई हैं। मैंने तथ्य प्रस्तुत किए हैं। पहला तथ्य- हिमाचल प्रदेश की जनसंख्या जितने मतदाता जोड़े गए हैं। जहां भी ऐसे मतदाता जोड़े गए हैं, वे भाजपा के निर्वाचन क्षेत्र हैं, जहां भी भाजपा जीती है, वहां उन्हें जोड़ा गया है। अंतिम तथ्य- चुनाव आयोग का कहना है कि महाराष्ट्र की जनसंख्या से अधिक मतदाता हैं। ये अटकलें नहीं हैं। ये तथ्य है। ये हमारा डेटा नहीं है, ये चुनाव आयोग का डेटा है। हम कह रहे हैं कि तथ्यात्मक विसंगतियां हैं। चुनाव आयोग अंतिम प्राधिकारी है, हम उनसे पूछ रहे हैं। आप हमें यह नहीं समझा पाएंगे कि महाराष्ट्र में महाराष्ट्र की जनसंख्या से अधिक मतदाता कैसे हैं। इसलिए आपको हमें अब मतदाता सूची देनी होगी, ताकि हम इसे समझ सकें। मुझे यकीन है कि अगर वे मतदाता सूची देते हैं, तो हम यहां एक और प्रेस कॉन्प्रâेंस करेंगे, जहां इन सवालों के जवाब आपको मिल जाएंगे।’

