खटाई में पड़ सकती है रोपवे परियोजना, सुप्रीम कोर्ट ने लगायी रोक

वाराणसी, जनमुख न्यूज। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में निर्माणाधीन रोपवे परियोजना फिलहाल खटाई में पड़ती नजर आ रही है। एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्माण और तोड़फोड़ पर फिलहाल रोक लगा दी। इसके साथ ही कार्यदायी संस्था से जवाब भी तलब किया।
तीनों महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि उनकी जमीन नियमों के अनुसार अधिग्रहण किए बगैर ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। याचिका में कार्यदायी संस्था पर नियमों की अनदेखी का आरोप लगाय गया हैैं। हालांकि रोपवे अधिकारियों का कहना है कि कोर्ट ने पूरे प्रोजेक्ट पर स्टे नहीं दिया है बल्कि उस हिस्से पर फिलहाल निर्माण रोका है। जहां पर याचिकाकर्ता तीन बहनों का घर है।
शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एम.एम. सुंदरेश और करोली की पीठ ने फिलहाल के लिए निर्माण कार्य रोकने की याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने पीड़ित तीन बहनों की याचिका के बाद उनकी संपत्ति को तोड़ने और निर्माण पर रोक लगा दी। इस अहम आदेश को देते हुए अधिकारियों से जवाब मांगा।
सुप्रीम कोर्ट इस मामले के सभी तथ्यों पर विचार करेगी और इस मामले पर अगली सुनवाई अप्रैल महीने में होगी। तब तक के लिए सुप्रीम कोर्ट ने प्राधिकरण को रोपवे निर्माण को यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है। वही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
रोपवे निर्माण में अधिकारियों से गुहार के बाद महिलाओं ने कोर्ट में अपील की थी। हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की, लेकिन हाईकोर्ट ने निर्माण कार्य पर रोक लगाने या अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया था।
हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के साथ अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। हाईकोर्ट से राहत न मिलने पर याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीमकोर्ट पहुंची और अधिवक्ता रोहित अमित स्थालेकर के जरिए याचिका को दाखिल किया।
मनसा सिंह सहित तीन महिलाओं की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दाखिल किए गए अपील पर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा अंतरिम आदेश पारित किया गया है ।

