पंजाब हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी को एससी का समन

नई दिल्ली,जनमुख न्यूज। ईशा फाउंडेशन पर लड़कियों को बंधन बनाने के मामले में सुनवाई बंद। तिहाड़ जेल से ८७२ दिन बाद सत्येंद्र जैन बाहर आए। पराली जलाने पर मशीन से रोक लगने का दावे किये जाने के बाद कोर्ट का पंजाब सरकार को नोटिस। इस सप्ताह यानी १४ अक्टूबर से १९ अक्टूबर २०२४ तक क्या कुछ हुआ? कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट और टिप्पणियों का विकली राउंड अप आपके सामने लेकर आए हैं। कुल मिलाकर कहें तो आपको इस सप्ताह होने वाले भारत के विभिन्न न्यायालयों की मुख्य खबरों के बारे में बताएंगे।आप नेता और दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार होने के दो साल बाद जमानत दे दी गई। दिल्ली की एक अदालत ने जैन की १८ महीने की लंबी कैद का हवाला देते हुए कहा कि मुकदमा अभी तक शुरू नहीं हुआ है, खत्म होने की बात तो दूर है। जमानत देते समय राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनीष सिसौदिया के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी हवाला दिया, जिसमें त्वरित सुनवाई के अधिकार को मौलिक अधिकार के रूप में जोर दिया गया था। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ज़मानत मिलने के बाद दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन ने सत्यमेव जयते कहा है। सत्येंद्र जैन को कोर्ट ने जमानत ५० हजार के निजी मुचलके पर दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने तीन शर्तों भी लगाई हैं। सत्येंद्र जैन मामले से जुड़े किसी भी गवाह या व्यक्ति से संपर्क नहीं कर सकेंगे। दूसरी वो किसी भी तरह से मुकदमे को प्रभावित नहीं करेंगे। इसके अलावा आप नेता को अदालत की पूर्व अनुमति के बिना भारत से बाहर यात्रा करने पर रोक रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने एक पिता द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनकी दो बेटियों का ब्रेनवॉश किया गया और उन्हें ईशा योग केंद्र में कैद कर दिया गया, जब वे इंजीनियरिंग में उच्च डिग्री हासिल कर रही थीं। याचिका मूल रूप से मद्रास उच्च न्यायालय में दायर की गई थी। ३९ और ४२ वर्षीय लड़कियों के बयानों पर ध्यान देते हुए, जिन्होंने मुकदमे के दौरान गवाही दी थी कि वे स्वेच्छा से आश्रम में रहती थीं और किसी भी समय छोड़ने के लिए स्वतंत्र थीं, अदालत ने फैसला सुनाया कि किसी और निर्देश की आवश्यकता नहीं है और बंदी प्रत्यक्षीकरण को बंद कर दिया।

