नवरात्रि के दीए के कारण मुंबई की झुग्गी में भीषण आग से सात लोगों की मौत

नई दिल्ली,जनमुख न्यूज । अवैध रूप से एकत्रित किए गए केरोसीन और घर के मंदिर में जलाए गए नवरात्रि के दीये के कारण चेंबूर पूर्व में एक भूतल-प्लस-दो झुग्गी बस्ती में भीषण आग लग गई। नवरात्र के दौरान जलाए गए दीए के कारण ये आग लगी। देखते ही देखते आग ऐसी फैली की एक ही परिवार के सात सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया।जानकारी के मुताबिक घटना सिद्धार्थ नगर की है जहां एक मकान में रहने वाले गुप्ता परिवार के सात सदस्यों की मौत हो गई, जब रविवार सुबह करीब ४.४५ बजे आग लग गई और तेजी से ऊपर की ओर फैल गई। आग गुप्ता परिवार के ग्राउंड फ्लोर स्थित पूजा कक्ष से शुरू हुई और बगल की किराना दुकान तक फैल गई, जहां २५ लीटर केरोसिन रखा हुआ था। आग की लपटें और धुआं पूरी इमारत में फैल गया और सुबह ५ बजे तक पहली मंजिल तक पहुंच गया।परिवार के सात सदस्य – मंजू प्रेम गुप्ता (३०), प्रेम छेदीराम गुप्ता (३०), अनीता धर्मदेव गुप्ता (३९), गीतादेवी गुप्ता (६०), प्रीति प्रेम गुप्ता (६), नरेंद्र गुप्ता (१०) और विधि छेदीराम गुप्ता (१५) सभी आग में जलकर मर गए। राजावाड़ी अस्पताल पहुंचने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।परिवार के दो सदस्य- धर्म देव गुप्ता (४५) और उनके पिता छेदीराम गुप्ता (७०)- भागने में सफल रहे, जब छेदीराम नीचे शौचालय जाने के लिए उठे, तो उन्होंने आग की लपटें देखीं और शोर मचाया। पड़ोसी नीलम चौरसिया ने बताया, ‘उन्होंने अपने बेटे को आवाज़ लगाई और वे बाहर निकलने में सफल रहे।’ सदमे की हालत में छेदीराम को पड़ोसी के घर ले जाया गया, लेकिन उन्हें अपने परिवार में हुई मौतों के बारे में नहीं बताया गया।बचाव दल में शामिल दर्पण एस ने कहा आग लगते ही हमने परिवार के सदस्यों को बाहर निकालने में मदद की। लेकिन जब तक हम टिन की छत पर पहुंचे तब तक आग पहली मंजिल तक फैल चुकी थी। दुर्भाग्य से तब तक कई लोग बहुत सारा धुआँ अंदर ले चुके थे।’ वकोला में रहने वाली छेदीराम की बेटी वनिता गुप्ता सुबह ६.३० बजे एक दोस्त से यह सुनने के बाद घटनास्थल पर पहुंची कि उसके माता-पिता के घर में आग लग गई है। उसे बाद में ही पता चला कि आग लगने से कितनी भयानक मौतें हुई। उसने कहा मैंने सुना कि मेरी छोटी भाभी की मौत हो गई है, लेकिन मुझे नहीं पता था कि बाकी लोगों की भी मौत हो गई है। मंजू के पिता करण लालचंद गुप्ता ने अपना दुख साझा करते हुए कहा धुआं इतना तेज था कि वे इसे अंदर ले गए और मर गए।मुख्य अग्निशमन अधिकारी रवींद्र अंबुलगेकर ने पुष्टि की कि केरोसिन के अवैध भंडारण ने आग को और बढ़ा दिया। उन्होंने कहा वहां करीब २५ लीटर केरोसिन था।दीया गिरने से लकड़ियां जल उठीं और केरोसिन ने आग को और भड़का दिया। निवासियों के लिए भागने का कोई रास्ता नहीं था। क्योंकि प्रवेश और निकास का केवल एक ही बिंदु था।

