संभल में मस्जिद के बाहर कुंए की खुदाई और पूजा पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, राज्य सरकार को जारी किया नोटिस

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज़। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को संभल में शाही जामा मस्जिद के प्रवेश द्वार के पास स्थित एक निजी कुएं के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया तथा निर्देश दिया कि उसकी अनुमति के बिना कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की सर्वोच्च न्यायालय की खंडपीठ ने नोटिस जारी करते हुए प्राधिकारियों को दो सप्ताह के भीतर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश भी दिया। संभल शाही जामा मस्जिद प्रबंधक कमेटी की याचिका पर यह नोटिस जारी किया गया है। याचिका में मस्जिद कमेटी प्रबंधन ने मांग की थी कि जिलाधिकारी को निर्देश दिया जाए कि यथास्थिति बरकरार रखी जाए। दरअसल जिस निजी कुएं की खुदाई की जा रही है, वह मस्जिद की सीढ़ियों के पास स्थित है।

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की सदस्यता वाली पीठ ने प्रशासन को यह भी निर्देश दिया है कि वे नगर पालिका के नोटिस पर कार्रवाई न करें, जिसमें सार्वजनिक कुएं को हरि मंदिर बताया गया है और उसकी पूजा की इजाजत दी गई थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में पूजा पर रोक लगा दी है। हालांकि कुएं के सार्वजनिक इस्तेमाल की छूट है। संभल शाही जामा मस्जिद प्रबंधन कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। ट्रायल कोर्ट ने 19 नवंबर 2024 को मस्जिद के सर्वे का निर्देश दिया था। मस्जिद कमेटी की तरफ से वरिष्ठ वकील हुफैजा अहमदी सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। वहीं वादी पक्ष की तरफ से वरिष्ठ वकील विष्णु शंकर जैन पेश हुए। जैन ने अदालत में कहा कि कुआं मस्जिद के बाहर स्थित है। वहीं अहमदी ने कहा कि कुआं आधा अंदर और आधा मस्जिद के बाहर है। अहमदी ने ये भी दावा किया कि कुआं मस्जिद के इस्तेमाल के लिए ही है।
मालूम हो कि 24 नवंबर को मस्जिद में एक सर्वेक्षण दल के आने के बाद भड़की हिंसा में मस्जिद से कुछ मीटर की दूरी पर चार लोगों की हत्या कर दी गई थी। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को मामले में कार्यवाही को अस्थायी रूप से रोकने का आदेश दिया और इस बात पर जोर दिया कि “शांति और सद्भाव कायम रहना चाहिए।”

