नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के दोषियों की सजा पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर, कहा- कोई रियायत नहीं

नई दिल्ली,जनमुख न्यूज़। सुप्रीम कोर्ट ने एक नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास की सजा पाए दोषियों की अपील को खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने इसे बेहद गंभीर अपराध मानते हुए दोषियों को कोई रियायत देने से इनकार कर दिया।
यह मामला छत्तीसगढ़ का है, जहां संजय पैकरा और पुष्पम यादव ने एक स्कूल वैन चालक संतोष कुमार गुप्ता के साथ मिलकर सातवीं कक्षा की छात्रा का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीड़िता नाबालिग है, यह तथ्य स्पष्ट है और ऐसे अपराध में सहमति की दलील का कोई महत्व नहीं है। अदालत ने यह भी कहा कि पीड़िता द्वारा शोर न मचाने को उसकी सहमति नहीं माना जा सकता।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 5 अगस्त 2024 को ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए तीनों आरोपियों को दोषी ठहराया था। इससे पहले 5 अक्टूबर 2021 को निचली अदालत ने उन्हें उम्रकैद की सजा और एक-एक हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया था। सुप्रीम कोर्ट ने अब इस सजा को सही ठहराते हुए दोषियों की अपील को खारिज कर दिया।

