दिल्ली विधानसभा में पेश हुई शराब नीति कैग की रिपोर्ट, २००० करोड़ के घाटे का बताया गया है अनुमान

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज। दिल्ली विधानसभा सत्र के दूसरा दिन उपराज्यपाल वीके सक्सेना के अभिभाषण के बाद दिल्ली सरकार ने कैग रिपोर्ट को पेश किया। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सदन में शराब नीति से जुड़ी कैग रिपोर्ट को विधानसभा में रखा। जिसमें केजरीवाल सरकार कीनई शराब नीति से दिल्ली सरकार को करीब २००० हजार करोड़ के घाटे की बात कही गयी है। वैâग रिपोर्ट के अनुसार नई शराब नीति में पहले के एक व्यक्ति को एक लाइसेंस मिलता था। लेकिन नई नीति में एक शख्स को दो दर्जन से ज्यादा लाइसेंस ले सकता था। पहले दिल्ली में ६० फीसदी शराब की बिक्री ४ सरकारी कॉर्पोरेशन से होती थी। लेकिन नई शराब नीति में कोई भी निजी कंपनी रिटेल लाइसेंस ले सकती है। शराब बिक्री का कमीशन ५ फीसदी से बढ़ाकर १२ फीसदी किया गया।
कैग रिपोर्ट में बताया गया है कि थोक का लाइसेंस शराब वितरक और शराब निर्माता कंपनियों को भी दे दिया गया, जो कि उल्लंघन था। नीति में कोई भी निजी कंपनी रिटेल लाइसेंस ले सकती है। लाइसेंस देने से पहले आर्थिक या आपराधिक कोई जांच नहीं की गई। लिक्वर जाइन के लिए १०० करोड़ के निवेश की जरूरत होती थी। लेकिन नई पॉलिसी में इसे खत्म कर दिया गया।
दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कैग रिपोर्ट को लेकर कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट ने कैग रिपोर्ट को लेकर बेहद गंभीर टिप्पणी की थी। कैग रिपोर्ट को पेश करने में लापरवाही बरती गई थी।

