किसानों की बुलंद आवाज और जाट नेता सत्यपाल मलिक का निधन, देशभर में शोक की लहर

नई दिल्ली जनमुख न्यूज़। दिल्ली के राममनोहर लोहिया अस्पताल में मंगलवार दोपहर 1:12 बजे पूर्व राज्यपाल और प्रखर किसान नेता सत्यपाल मलिक का निधन हो गया। उनके निधन की खबर से पूरे देश में शोक की लहर फैल गई, खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश और जाट समुदाय में गहरा दुख देखा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर शोक जताते हुए एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा— “सत्यपाल मलिक के निधन से दुखी हूं। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं। ॐ शांति।”
राजनीतिक जीवन और विचारधारा
सत्यपाल मलिक अपने बेबाक और स्पष्टवादी रवैये के लिए जाने जाते थे। उन्होंने छात्र आंदोलन से लेकर आपातकाल तक लोकतंत्र की लड़ाई लड़ी और लोक दल, समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के माध्यम से लंबे राजनीतिक जीवन में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वे किसानों की समस्याओं और हक की लड़ाई लड़ते रहे और सत्ता में रहते हुए भी कभी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया।
राजनीतिक सहयोगियों की श्रद्धांजलि
वरिष्ठ जद (यू) नेता केसी त्यागी ने उन्हें याद करते हुए कहा कि, “हमने छात्र आंदोलन, आपातकाल और लोक दल के दौर में साथ राजनीति की। वे कभी समझौता नहीं करते थे, उनके विचारों की स्पष्टता ही उनकी सबसे बड़ी ताकत थी।”
भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व महामंत्री नरेश सिरोही ने कहा, “सत्यपाल मलिक ने किसानों के लिए कई अहम मुद्दों पर संघर्ष किया। वे सिर्फ नेता नहीं, बल्कि परिवार जैसे थे।”
किसान नेता सरदार वीएम सिंह ने कहा कि, “अगर देश में किसानों को आत्मनिर्भर बनाना है, तो सत्यपाल मलिक के विचारों और आदर्शों को अपनाना होगा।”

