अलास्का में ट्रंप–पुतिन शिखर वार्ता: युद्धविराम पर सहमति नहीं, लेकिन “समाधान की शुरुआत”

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज़। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अलास्का के एंकोरेज में यूक्रेन युद्ध को लेकर तीन घंटे से अधिक समय तक बातचीत की। वार्ता के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में ट्रंप ने बैठक को “बेहद फलदायी” बताया, लेकिन यह भी स्वीकार किया कि युद्धविराम पर कोई ठोस समझौता नहीं हो पाया। वहीं, पुतिन ने इसे “समाधान की शुरुआत” बताते हुए ट्रंप को अगली बैठक मॉस्को में करने का अप्रत्याशित प्रस्ताव दिया।
ट्रंप ने संकेत दिया कि वह जल्द ही यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं से बात करेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि पुतिन आने वाली मुलाकात में युद्ध समाप्त करने पर सहमत नहीं होते तो “बहुत गंभीर परिणाम” सामने आ सकते हैं। साथ ही, उन्होंने त्रिपक्षीय वार्ता की संभावना भी जताई, जिसमें ज़ेलेंस्की और यूरोपीय नेता शामिल हो सकते हैं।
फॉक्स न्यूज से बातचीत में ट्रंप ने इस वार्ता को “शतरंज के खेल” से तुलना की। उन्होंने यह भी दावा किया कि पुतिन ने उनसे कहा कि 2020 का अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव डाक मतपत्रों के कारण “धांधली वाला” था और ट्रंप ने वह चुनाव “बहुत बड़े अंतर से जीता” था।
विश्लेषकों का मानना है कि इस बैठक से जहां ट्रंप अपनी छवि को “वैश्विक शांतिदूत” के रूप में मजबूत करना चाहते हैं, वहीं पुतिन पश्चिमी प्रतिबंधों के दबाव से निकलने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, आशंका यह भी जताई जा रही है कि किसी संभावित युद्धविराम से रूस को भविष्य में संघर्ष को और बढ़ाने की गुंजाइश मिल सकती है।
क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने इस मुलाकात को “बहुत सकारात्मक” बताया और कहा कि दोनों नेताओं के विस्तृत बयानों के चलते प्रेस से सवाल लेने की आवश्यकता नहीं पड़ी।
ट्रंप ने बैठक के बाद यह भी कहा कि फिलहाल उन्हें रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने पर विचार करने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन “दो या तीन हफ़्ते बाद” इस पर फैसला करना पड़ सकता है। साथ ही, उन्होंने ज़ेलेंस्की को सलाह दी कि युद्ध को खत्म करने के लिए “समझौता करना होगा”, क्योंकि “रूस एक बहुत बड़ी शक्ति है और उसके सैनिक बेहद मज़बूत हैं।”

