शीतकालीन सत्र के पहले दिन लोकसभा में हंगामा, एसआईआर पर चर्चा की मांग पर दो बार स्थगित हुई कार्यवाही

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज़। संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हंगामे के साथ हुई। सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होते ही विपक्षी सांसदों के हंगामे के कारण मात्र 20 मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। दोपहर 12 बजे भी विरोध जारी रहने पर सदन की कार्यवाही फिर से दोपहर 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
विपक्षी दल पूरे देश में चल रही मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया पर चर्चा की मांग कर रहे थे। विपक्ष के नारेबाजी और विरोध के बीच अध्यक्ष ओम बिरला ने सांसदों से सदन में गरिमा बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि वे विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दों पर चर्चा को तैयार हैं, लेकिन प्रश्नकाल बाधित नहीं होना चाहिए।
ओम बिरला ने कहा, “राजनीति में मतभेद स्वाभाविक हैं, लेकिन समाधान बहस से ही मिलते हैं। आप मुद्दे उठाना चाहते हैं तो संसद में चर्चा करिए, सदन के कामकाज को बाधित करना ठीक परंपरा नहीं है।” उन्होंने सांसदों से आग्रह किया कि जनता ने उन्हें प्रासंगिक मुद्दे उठाने के लिए चुना है और वह सभी को चर्चा का पूरा समय देंगे।
सत्र की शुरुआत दिवंगत पूर्व सांसदों, जिनमें अभिनेता और पूर्व भाजपा सांसद धर्मेंद्र भी शामिल थे, को श्रद्धांजलि देकर की गई।
सरकार ने शीतकालीन सत्र में विचार के लिए कुल 13 विधेयक सूचीबद्ध किए हैं। इनमें से कई विधेयकों की समीक्षा स्थायी समिति द्वारा नहीं की गई है। प्रमुख विधेयकों में शामिल हैं—
जन विश्वास (संशोधन) विधेयक, 2025
दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (संशोधन) विधेयक, 2025
निरसन और संशोधन विधेयक, 2025
राष्ट्रीय राजमार्ग (संशोधन) विधेयक, 2025
परमाणु ऊर्जा विधेयक, 2025
प्रतिभूति बाजार संहिता विधेयक, 2025
बीमा कानून (संशोधन) विधेयक, 2025
मध्यस्थता एवं सुलह (संशोधन) विधेयक, 2025
भारतीय उच्च शिक्षा आयोग विधेयक, 2025
पहले ही दिन विपक्ष के तीखे विरोध से संकेत मिल रहे हैं कि यह शीतकालीन सत्र काफी टकराव भरा रहने वाला है।

