मनरेगा का नाम बदलने पर संसद में हंगामा, शिवराज ने पेश किया VB-G RAM G बिल, प्रियंका गांधी का तीखा विरोध

नई दिल्ली जनमुख न्यूज़। लोकसभा में मंगलवार को मनरेगा का नाम बदलने को लेकर जोरदार हंगामा देखने को मिला। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन में विकसित भारत–गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी VB-G RAM G बिल 2025 पेश किया, जिसका कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने कड़ा विरोध किया।
भारी शोरगुल के बीच स्पीकर ओम बिरला ने कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।बिल पेश करते हुए कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार ग्रामीण रोजगार योजना को और मजबूत करने के उद्देश्य से यह बदलाव ला रही है। उन्होंने कहा कि सरकार 100 दिनों की जगह अब 125 दिन के रोजगार की गारंटी देने जा रही है। शिवराज ने तर्क दिया कि यह विधेयक महात्मा गांधी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की भावनाओं के अनुरूप है, जिनका संकल्प था कि समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति का कल्याण हो।उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने पहले जवाहर रोजगार योजना का नाम बदला था, तब क्या यह जवाहरलाल नेहरू का अपमान था?
शिवराज ने सवाल किया कि योजना के नाम में ‘राम’ शब्द आने पर विपक्ष को आपत्ति क्यों हो रही है। उनके मुताबिक यह बिल किसानों और मजदूरों के हित में है और ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है।इससे पहले कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने लोकसभा में VB-G RAM G बिल 2025 का पुरजोर विरोध किया। उन्होंने कहा कि मनरेगा पिछले 20 वर्षों से ग्रामीण भारत को रोजगार देने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में अहम भूमिका निभाता रहा है। यह एक क्रांतिकारी कानून है, जिसे बनाते समय सभी राजनीतिक दलों की सहमति थी और इससे देश के सबसे गरीब लोगों को 100 दिन का रोजगार मिलता रहा है।प्रियंका गांधी ने सवाल उठाया कि सरकार महात्मा गांधी का नाम योजना से हटाकर क्या संदेश देना चाहती है। उन्होंने कहा कि नाम बदलने से सरकारी कार्यालयों, स्टेशनरी और अन्य व्यवस्थाओं में बदलाव होता है, जिस पर भारी खर्च आता है।
उन्होंने पूछा कि इस बदलाव से जनता को क्या लाभ होगा और गांधी जी का नाम हटाने के पीछे सरकार की नीयत क्या है।संसद परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि महात्मा गांधी न केवल देश बल्कि पूरी दुनिया में सम्मानित हैं, ऐसे में उनका नाम हटाने का उद्देश्य समझ से परे है। उन्होंने यह भी कहा कि संसद का कीमती समय जनता के वास्तविक मुद्दों पर चर्चा की बजाय ऐसे बदलावों में बर्बाद किया जा रहा है।
मनरेगा के नाम परिवर्तन को लेकर अन्य विपक्षी दलों ने भी सरकार को घेरा। तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने इसे महात्मा गांधी का अपमान बताया। वहीं वाम दलों ने आरोप लगाया कि सरकार मनरेगा के अधिकार-आधारित ढांचे को कमजोर कर रही है और फंड में कटौती कर रही है, जिससे ग्रामीण संकट और गहराएगा।
उधर, भारतीय जनता पार्टी ने अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी कर बिल के दौरान सदन में मौजूद रहने का निर्देश दिया है। सरकार का कहना है कि यह बदलाव ग्रामीण रोजगार को नई दिशा देने और विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए जरूरी है।

