उर्दुस्तान की चाह इंडिया गेट पर खालिस्तानी झंडे की हसरत

नई दिल्ली,जनमुख न्यूज। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के भारत पर लगाए बेबुनियाद और गंभीर आरोपों पर दोनों देशों के बीच तनाव गहरा गया है। इसका असर दोनों देशों के सामरिक संबंधों पर भी पड़ा है। कनाडा के पीएम ट्रूडो के गैर जिम्मेदाराना और बेतुके बयान ने वहां रह रहे खालिस्तानी समर्थकों को उकसा दिया है। वे कनाडा में खुलकर भारत के विरोध में जहर उगलने लगे हैं। इसी कड़ी में खालिस्तानी नेता गुरुपतवंत सिंह पन्नू ने कनाडा में रह रहे हिंदुओं को कनाडा छोड़ने की धमकी दे दी है। भारत का एक गद्दार जो कनाडा की कोख में बैठकर देश के खिलाफ जहर उगलता रहा है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के डोजीयर में साफ बताया गया था कि गुरुपतवंत सिंह पन्नू भारत को कई भागों में बांटना चाहता है। धार्मिक आधार पर वो देश का बंटवारा करना चाहता है। मुस्लिमों के लिए वो डेमोक्रेटिक रिपबल्कि ऊर्दूस्तान बनाना चाहता है। गुरुपतवंत सिंह पन्नू अलगाववादी ग्रुप सिख फॉर जस्टिस का प्रमुख है। ये संगठन पंजाब को हिंदुस्तान से अलग करने की मांग करता है। ७ जुलाई २०२२ को गृह मंत्रालय ने पन्नू को आतंकवादी घोषित कर दिया था। देशभर में पन्नू के खिलाफ १६ मामले दर्ज हैं। गुरुपतवंत सिंह पन्नू के पास कनाडा के साथ साथ अमेरिका की भी नागरिकता है। ५६ साल के पन्नू का परिवार बंटवारे यानी १९४७ में पाकिस्तान से अमृतसर आया था। गुरुपतवंत सिंह पन्नू का जन्म अमृतसर में ही हुआ था। उसने पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री ली है। लेकिन देश के खिलाफ गैर कानूनी काम करने का रास्ता उसने चुना। पन्नू वो शख्स है जो इंडिया गेट पर खालिस्तानी झंडा फहराने वाले को ढाई मिलियन यूएस डॉलर देने की घोषणा कर चुका है। पन्नू ने ऐसे पुलिसकर्मी को एक मिलियन डॉलर देने की घोषणा की थी जो १५ अगस्त २०२१ के दिन लाल किले पर तिरंगा लहराने से रोके। कहा जाता है कि इसने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ मिलकर पंजाब में खालिस्तानी मुहिम को फिर से भड़काने की कोशिश की थी। इस पर भारत में खालिस्तानी मूवमेंट को फंडिंग करने के भी आरोप लगे हैं।

