उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा, स्वास्थ्य कारणों का दिया हवाला

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज़। भारत के 14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को अपने पद से स्वास्थ्य कारणों के चलते तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपना इस्तीफा संविधान के अनुच्छेद 67(क) के तहत राष्ट्रपति को सौंपा।
धनखड़ ने इस्तीफा पत्र में लिखा कि वह डॉक्टरों की सलाह और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए यह निर्णय ले रहे हैं। उन्होंने राष्ट्रपति को धन्यवाद देते हुए कहा, “आपके सहयोग और शांतिपूर्ण कार्य संबंध के लिए मैं आभारी हूं, यह मेरे लिए बेहद सुखद अनुभव रहा।”
प्रधानमंत्री, मंत्रिपरिषद और सांसदों को जताया आभार
धनखड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंत्रिपरिषद का भी विशेष आभार जताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से मिले सहयोग और मार्गदर्शन से उन्होंने बहुत कुछ सीखा। सांसदों द्वारा मिला स्नेह और विश्वास उनके लिए सदा स्मरणीय रहेगा। उन्होंने अपने कार्यकाल को भारत के आर्थिक और वैश्विक विकास के ऐतिहासिक दौर से जोड़ते हुए लिखा कि “इस परिवर्तनकारी युग में देश की सेवा करना मेरे लिए गर्व की बात रही। मैं भारत के उज्ज्वल भविष्य में पूर्ण आस्था रखता हूं।”
2027 तक था कार्यकाल, लेकिन पूर्व संकेत दे चुके थे
धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त, 2027 तक निर्धारित था। हाल ही में उन्होंने एक बयान में संकेत दिया था कि “ईश्वर की कृपा रही तो अगस्त 2027 में सेवानिवृत्त होऊंगा।”
राजनीतिक सफर और पृष्ठभूमि
उपराष्ट्रपति बनने से पहले जगदीप धनखड़ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे। उन्हें 6 अगस्त 2022 को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराकर चुना गया था। उन्हें कुल 528 वोट मिले थे, जबकि अल्वा को 182। पेशे से वकील, धनखड़ का जन्म 18 मई 1951 को राजस्थान के झुंझुनू जिले में एक किसान परिवार में हुआ था।

